- दिल्ली सरकार ने राहत एवं बचाव के पुख्ता इंतजाम किए हैं, घर खाली कराने में सरकार की भी मदद ले सकते हैं- अरविंद केजरीवाल
- दिल्ली में कई जगहों पर राहत केंद्र बनाए गए है, जरूरत पड़ने पर आसपास के स्कूलों को राहत केंद्र बनाने के निर्देश- अरविंद केजरीवाल
- 40 साल पहले का रिकॉर्ड तोड़ते हुए यमुना का जल स्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर 207.71 मीटर पहुंच गया है- अरविंद केजरीवाल
- 1978 में यमुना का जल स्तर सबसे अधिक 207.49 मीटर तक पहुंचा था, तब दिल्ली में बाढ़ आ गई थी- अरविंद केजरीवाल
- दिल्ली में दो-तीन दिनों से बारिश नहीं हो रही है, हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी से यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है- अरविंद केजरीवाल
- मंगलवार को हथिनी कुंड से काफी पानी छोड़ा गया था, उसको दिल्ली पहुंचने के बाद जलस्तर और बढ़ने की संभावना है- अरविंद केजरीवाल
- मैंने केंद्रीय गृहमंत्री को चिट्ठी लिखकर हथिनी कुंड से छोड़े जाने वाले पानी की गति को कम करने का अनुरोध किया है- अरविंद केजरीवाल
- केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावट ने फोन कर बताया है कि हथिनी कुंड में रिजरवायर नहीं है, पानी नहीं रोका जा सकता- अरविंद केजरीवाल
- हिमाचल से पानी का आना कम हो रहा है, लेकिन यमुना का जल स्तर कम होने में अभी समय लगेगा- अरविंद केजरीवाल
- कई सारी एनजीओ और गुरुद्वारे दिल्ली सरकार की मदद कर रहे हैं, हम सभी का धन्यवाद करते हैं- अरविंद केजरीवाल
हरियाणा के हथिनी कुंड से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने से दिल्ली में बाढ़ के हालात बन गए हैं। यमुना में बढ़े जलस्तर पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने इमरजेंसी मीटिंग की और प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित निकालने व राहत केंद्रों में हर संभव सुविधा मुहैया कराने के निर्देश दिए। सीएम अरविंद केजरीवाल ने हाथ जोड़ कर कहा कि यमुना के नीचले इलाकों में रह रहे लोग अपना घर खाली कर जाएं, क्योंकि यमुना का जल स्तर बढ़ता जा रहा है और बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। दिल्ली में कई जगह राहत केंद्र बनाए गए हैं। जरूरत पड़ने पर आसपास के स्कूलों को राहत केंद्रों बनाने का निर्देश दिया गया है। सीएम ने कहा कि बोट क्लब, मोनेस्ट्री मार्केट, नीली छतरी टेम्पल, यमुना बाजार, गीता घाट समेत कई इलाकों में पानी भर गया है। पिछले 40 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए यमुना का जल स्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर 207.71 मीटर पहुंच गया है। मंगलवार को भी काफी पानी छोड़ा गया था। इसे दिल्ली में पहुंचने पर यमुना का जलस्तर और बढ़ने की संभावना है।
यमुना में जलस्तर बढ़ता जा रहा है और बाढ़ की स्थिति बनी हुई है- अरविंद केजरीवाल
दिल्ली सचिवालय में राजस्व मंत्री आतिशी और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज के साथ प्रेस वार्ता कर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यमुना में जलस्तर बढ़ता जा रहा है और दिल्ली में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। दिल्ली में यमुना का खतरनाक स्तर 205.33 मीटर है। जबकि इस वक्त दिल्ली में यमुना का जल स्तर खतरे के निशान को पार करके 207.71 मीटर पर पहुंच गया है। इससे पहले 1978 में यमुना का अधिकतम जल स्तर 207.49 मीटर पहुंचा था, उस समय दिल्ली में बाढ़ आई थी। आज दिल्ली का 40 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया है और यमुना का जल स्तर इससे भी आगे पहुंच चुका है। सेंट्रल वॉटर कमिनशन ने बुधवार दोपहर को एक अनुमान बताया था। इसके मुताबिक बुधवार रात 10-12 बजे के बीच यमुना का जल स्तर 207.72 मीटर तक पहुंचना था। मगर 207.72 मीटर के करीब यमुना का जलस्तर दोपहर में ही पहुंच चुका है।
अगर हथिनी कुंड से छोड़े जा रहे पानी की गति कम कर दें, तो यमुना के जलस्तर को ऊपर जाने से रोक सकते हैं- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने देखा कि दिल्ली में पिछले दो-तीन दिन से बारिश नहीं हो रही है। यमुना में अभी जितना भी पानी आ रहा है, वो हिमाचल प्रदेश और हरियाणा से होते हुए दिल्ली में पहुंच रहा है। हरियाणा में स्थित हथिनी कुंड बैराज को खोलने से यह सारा पानी आता है। हमें हथिनी कुंड बैराज की स्थिति की ज्यादा जानकारी नहीं है। इसलिए मैंने दिल्ली सरकार की ओर से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को आज पत्र लिखकर हथिनी कुंड में पानी छोड़े जाने की गति को थोड़ा कम किया जाए। पानी भी निकालना जरूरी है। लेकिन जितनी तेज गति से दिल्ली की ओर पानी भेजा जा रहा है, अगर उसकी गति को कम कर दिया जाए, तो हम यमुना के स्तर को और ऊपर जाने से रोक सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश से आने वाला पानी कम होने लगा है, एक-दो दिन में स्थिति में सुधार आ जाएगा- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखने के कुछ देर बाद मेरे पास केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का फोन आया था। उन्होंने बताया कि हथिनी कुंड सिर्फ बैराज है और उसके पीछे कोई रिजर्वायर (जलाशय) नहीं है। वहां पानी को रोकने की कोई सुविधा नहीं है। इसलिए पानी रोका नहीं जा सकता। उन्होंने यह भी बताया कि अब हिमाचल प्रदेश से आने वाला पानी कम होने लगा है और आने वाले एक-दो दिन में स्थिति में सुधार आ जाएगा। मगर मंगलवार को काफी पानी छोड़ा गया था। उस पानी को दिल्ली पहुंचने में अभी 24 घंटे लगेंगे। ऐसे में हमें यमुना के जल स्तर की 207.71 मीटर से और बढ़ने की उम्मीद है। हिमाचल प्रदेश से कम पानी आने वाली स्थिति का असर दिल्ली में होने में अभी समय लग सकता है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने बतया कि अब हमारी कोशिश है कि हम किस तरह से लोगों की जान-माल की रक्षा कर सकते हैं। मेरी दिल्ली के सभी लोगों से हाथ जोड़कर विनती है कि जितने भी लोग यमुना के निचले क्षेत्र में रहते हैं, वो अपने घर को खाली कर दें और इंतजार न करें। क्योंकि अचानक पानी आने से जान को खतरा हो सकता है और सामान को नुकसान पहुंच सकता है।
इन इलाकों में पहुंचा चुका है पानी
सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली के ऐसे क्षेत्र जो पहले से ही प्रभावित हैं और वहां पानी पहुंच चुका है। इसमें बोट क्लब, मोनेस्ट्री मार्केट, पुराने रेलवे ब्रिज के पास नीली छत्री मंदिर, यमुना बाजार, गीता घाट, नीम करोली गौशाला, विश्वकर्मा और खड्डा कॉलोनी, गढ़ी मांडू, मजनू का टीला से वजीराबाद तक का क्षेत्र शामिल है।
इन इलाकों में रह रहे लोग घर खाली कर दें
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के निचले क्षेत्र उस्मानपुर, बदरपुर खादर में यमुना के पास वाले इलाकों में लोग अपने घरों को खाली कर दें। इसके अलावा डीएनडी, मयूर विहार, जगतपुर में मेन पुश्ता रोड, सराय काले खां पर भेलोपुर, श्मशान घाट, जैन मंदिर, ग्यासपुर और मिलेनियम डिपो के आस-पास बसी झुग्गियों को खाली कर दें।
यह एक-दूसरे की मदद करने का समय है, सभी एक-दूसरे की मदद करें- अरविंद केजरीवाल
सीएम ने कहा कि यह भी देखने में आ रहा है कि कई लोग बाढ़ देखने जा रहे हैं और वहां जाकर सेल्फी व वीडियो ले रहे हैं। इस स्थिति में लोग वहां न जाएं। अगर अचानक जल स्तर बढ़ गया तो आपकी जान को खतरा हो सकता है। सरकार की ओर से राहत व बचाव के लिए बेहद पुख्ता इंतजाम किए हुए हैं। आप मकान खाली कराने के लिए सरकार की मदद ले सकते हैं। यदि आप स्वयं से किसी दूसरी जगह पर जाना चाहते हैं तो खुद भी जा सकते है। सरकार ने दिल्ली में बहुत सारे राहत कैंप लगाए हैं, उन्हें और भी बढ़ाने की उम्मीद है। जिलाधिकारियों को कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर आस-पास के स्कूलों को बंद कर उन्हें राहत कैंप में तब्दील कर सकते हैं। अगर शौचालय और नहाने के लिए आसपास धर्मशालाएं और स्कूलों को एक्वायर (अधिग्रहण) करने की जरूरत पड़ती है, तो उन्हें एक्वायर कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि बहुत सारी एनजीओ हमारी मदद कर रही हैं और कई सारे गुरुद्वारों ने लंगर लगाए हैं। हम उन सभी को धन्यवाद देना चाहते हैं। यह एक-दूसरे की मदद करने का मौका है। हमारी सभी से अपील है कि ऐसे मौके पर आप सभी को राहत पहुंचाएं और एक-दूसरे की मदद करें।
हमारे अधिकारी केंद्र के अधिकारियों के लगातार संपर्क में हैं- अरविंद केजरीवाल
मीडिया से बातचीत में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी रिहायशी इलाकों में यमुना का पानी पहुंचने की संभावना नहीं है। अभी सिर्फ यमुना के नीचले इलाकों में ही पानी आने का खतरा नजर आ रहा है। अगर लगता है कि कहीं और भी लोगों से घर खाली कराने की जरूरत है, तो उसकी सूचना समय से पूर्व दी जाएगी। स्थानीय स्तर पर भी हमारी टीमें मुनादी करके लोगों को सचेत कर रही हैं। सीएम ने कहा कि यमुना का जलस्तर बढ़ने से कुछ नाले बैक मार सकते हैं। इसकी वजह से कुछ इलाकों में जल भराव हो सकता है। दिल्ली के छह जिलों में करीब 2.5 हजार टैंट लगाए गए हैं। कैंप में सभी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। एनडीआरएफ की भी मदद ली जा रही है। केंद्र सरकार से लगातार संपर्क किया जा रहा है और हमारे अधिकारी भी केंद्र सरकार के अधिकारियों के संपर्क में है।
दो-दो किलोमीटर पर तैनात हैं 50 बोट- आतिशी
वहीं, राजस्व मंत्री आतिशी ने बताया कि दिल्ली सरकार ने बाढ़ ग्रस्त इलाकों में लोगों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए 50 बोट का इंतजाम किया है। इन सभी बोट्स को पल्ला से लेकर ओखला बैराज तक दो-दो किलोमीटर की दूरी पर तैनात किया गया है।