*जून, 2023 में निर्माण शुरू होने से हौजखास गांव की सम्पत्ति से एक आम आदमी पार्टी सांसद के परिवार का व्यवसाय चल रहा था – वीरेन्द्र सचदेवा
*हौजखास गांव के अवैध निर्माण पर कार्रवाई होते ही जिस तहर महापौर डॉ. शैली ओबराय ने क्षेत्रीय अधिकारी के तबादले के लिये पत्र लिखा है उससे यह स्पष्ट है कि यह एक वी.आई.पी. अवैध निर्माण का मामला है – वीरेन्द्र सचदेवा
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने आज एक पत्रकार वार्ता के माध्यम से हौजखास गांव के एक मामले का उठाया और कहा कि यह एक मामला हो सकता है पर ऐसे अनेक मामले आज दिल्ली में चारों ओर देखे जा सकते हैं जिनमें आम आदमी पार्टी के नेताओं, विधायकों एवं पार्षदों के संरक्षण में व्यापक अवैध निर्माण हो रहा है। यदि कोई अधिकारी उस पर कार्रवाई करने की बात करता है तो आम आदमी पार्टी के विधायक एवं पार्षद उस निगम अधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकार मामले को गुमराह करने की कोशिश करते हैं जैसा कि हम पटेल नगर के एक निगम पार्षद को यह करते हुये पूर्व में देख चुके हैं।
पत्रकार वार्ता में दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष सरदार राजा इकबाल सिंह एवं निगम पार्षद श्रीमती शिखा राय भी उपस्थित थीं और दोनों नेताओं ने कहा कि जब से आम आदमी पार्टी सत्ता में आई है, दिल्ली में अवैध निर्माण ही नहीं, अवैध कब्जे भी बढ़ रहे हैं और जब भी निगम इस पर कोई कार्रवाई करता है तो आम आदमी पार्टी के नेता सड़क पर उतरते हैं।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आज मैं आपके समक्ष हौजखास गांव के मकान नं.-2, जो ग्रीन पार्क नगर निगम वार्ड के अंतर्गत आता है का मामला रख रहा हूँ, जिसमें आम आदमी पार्टी की दिल्ली की महापौर डॉ. शैली ओबराय की भूमिका की जांच की आवश्यकता है।
- यह एक 800 गज का प्लाट है जिसके 120 गज के हिस्से से अभी जून, 2023 तक एक आम आदमी पार्टी सांसद के परिवार का एक व्यापारिक प्रतिष्ठान चलता रहा है।
- जून, 2023 में इस 120 गज के हिस्से में अवैध निर्माण शुरू हुआ और क्योंकि यह सम्पत्ति संरक्षित मोनुमैंट हौजखास के 115 मीटर के दायरे में आती है, जोकि रेगुलेटिड क्षेत्र है और यहां किसी भी प्रकार का निर्माण वर्जित है। जून माह में आर्कियोलॉजीकल सर्वे ऑफ इंडिया (ए.एस.आई.) ने दिल्ली नगर निगम को पहला पत्र 6 जून, 2023 को खिलकर इस निर्माण को रोकने के लिये निर्देश दिया।
- ए.एस.आई. के पत्र के बाद दिल्ली नगर निगम के दक्षिणी क्षेत्र के भवन विभाग ने निर्माण को रोकने के अनेकों प्रयास किये किन्तु जब वह नहीं रोक पाये तो 27 जुलाई एवं 8 अगस्त को दो बार वर्क स्टोप नोटिस दिये गये।
- हमारी जानकारी के अनुसार जितनी बार नगर निगम काम रूकवाने की कोशिश करता था या नोटिस देता था उतनी बार क्षेत्रीय विधायक सोमनाथ भारती एवं निगम पार्षद सरिता फोगाट अधिकारियों पर काम न रोकने का दबाव बनाते थे, तबादले की चेतावनी देते थे, भ्रष्टाचार के आरोप लगाने की चेतावनी देते थे और एक संबंधित अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया है कि उसको कहा गया कि यदि इसमें हस्ताक्षेप करोगे तो अगला फोन मुख्यमंत्री आवास से आयेगा और तब भी नहीं मानोगे तो पंजाब पुलिस से फर्जी केस में फंसा दिये जाओगे।
- इस बीच अगस्त, 2023 में खुद दिल्ली सरकार के तहसीलदार, हल्का पटवारी ने ए.एस.आई. और दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों के साथ जाकर इस सम्पत्ति का निरीक्षण किया और इसे अवैध पाया।
- जब नगर निगम ने पुलिस की मदद से अवैध निर्माण को तोड़ना शुरू किया तो आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता ही नहीं पार्षद सरिता फोगाट ने भी नगर निगम के विरूद्ध नारेबाजी की।
- इस मामले में यह जांच आवश्यक है कि इस मकान नं.-2, हौजखास गांव के 120 गज के टुकड़े का असल मालिक कौन है – क्योंकि जून, 2023 में निर्माण शुरू होने से पूर्व एक आम आदमी पार्टी सांसद के परिवार का व्यापार यहां से चलता था, और जिस तरह कल आम आदमी पार्टी ने अवैध निर्माण के विरूद्ध प्रदर्शन किया और अधिकारियों पर दबाव डाला उससे यह स्पष्ट है कि इस निर्माण से आम आदमी पार्टी को लगाव है, यह उसके किसी नेता के संरक्षण में हो रहा है। स्थिति को दखते हुये यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि इस सम्पत्ति से एक आम आदमी पार्टी सांसद का जुड़ाव है।
- इस निर्माण पर कार्रवाई शुरू होते ही जिस तरह आम आदमी पार्टी से जुड़े कुछ बड़े वकील निगम कानून अनुसार ए.टी.एम.सी.डी. में न जाकर इस मामले को सीधा हाई कोर्ट ले गये हैं वह दर्शाता है कि यह एक हाई प्रोफाइल मामला है।
- हौजखास गांव के अवैध निर्माण पर कार्रवाई होते ही जिस तहर महापौर डॉ. शैली ओबराय ने क्षेत्रीय अधिकारी के तबादले के लिये निगम आयुक्त को पत्र लिखा है उससे यह स्पष्ट है कि यह एक वी.आई.पी. अवैध निर्माण का मामला है। दिल्ली में निर्माण, अवैध निर्माण लगातार चलता रहा है पर इस तरह कोई महापौर पत्र लिखकर शायद ही कभी हस्ताक्षेप करते हों।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि हम आम आदमी पार्टी नेताओं द्वारा दिल्ली नगर निगम अधिकारियों पर अनैतिक दबाव डाले जाने की कड़ी निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि इस अवैध निर्माण को पूरा तोड़ा जाये एवं इस भवन को सील कर पहले इसके स्वामित्व की जांच हो।