‘सरकार बचाओ-महंगाई बढ़ाओ’ वाला है मोदी सरकार का बजट- आप

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  • देश भर के किसान एमएसपी की मांग कर रहे हैं, 750 किसानों की जान चली गई, लेकिन बजट में इसके लिए कोई प्रावधान नहीं है- संजय सिंह
  • एनडीए के घटक दलों समेत पूरा विपक्ष अग्निवीर योजना को खत्म करने की मांग कर रहा है, लेकिन बजट इसका जिक्र नहीं- संजय सिंह
  • ये बजट पुरानी पेंशन की बहाली और महंगाई से जूझ रही जनता को पेट्रोल-डीजल समेत रोजमर्रा की चीजों पर टैक्स में छूट पर खामोश है- संजय सिंह
  • सरकार ने शेयर मार्केट में लंबे समय के लिए पैसा लगाने वालों की आमदनी पर टैक्स बढ़ाकर 10 से 12.5 और कम अवधि पर 15 से 20 फीसद कर दिया है- संजय सिंह
  • केंद्र को दिल्ली हर साल 2.32 लाख करोड़ टैक्स देती है, लेकिन मोदी जी ने अपनी नफरत के चलते दिल्लीवालों को एक रुपए नहीं दिया- संजय सिंह
  • नीतीश कुमार, मोदी जी के झांसे में न आएं, 9 साल पहले भी बिहार को 1.25 लाख करोड़ देने का वादा किए थे, लेकिन मिला कुछ नहीं- संजय सिंह
  • 80 करोड़ लोगों को मिल रहे मुफ्त राशन में 50 फीसद योगदान देने वाले पंजाब का बजट भाषण में एक बार भी जिक्र नहीं- मलविंदर सिंह कांग
  • पिछली बार बजट में पंजाब को खाद पर 25 हजार करोड़ की सब्सिडी मिली थी, लेकिन इस बार 16 हजार करोड़ ही दी गई है- मलविंदर सिंह कांग
  • मोदी सरकार का यह बजट पूरी तरह से पंजाब विरोधी है, हम इस बजट को सिरे से खारिज करते हैं- मलविंदर सिंह कांग

आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पेश केंद्रीय बजट को ‘सरकार बचाओ-महंगाई बढ़ाओ’ वाला करार दिया। ‘‘आप’’ के सांसद संजय सिंह ने कहा कि इस बजट से देश के किसानों, महिलाओं, युवाओं, कर्मचारियों के हिस्से तो कुछ नहीं आया, लेकिन मोदी जी ने टैक्स न बढ़ाकर कॉरपोरेट घरानों को राहत जरूर दी है। यह बजट किसानों को एमएसपी की गारंटी देने, अग्निवीर योजना को खत्म करने, ओल्ड पेंशन, पेट्रोल-डीजल समेत रोजमर्रा की चीजों पर टैक्स में छूट पर पूरी तरह खामोश है। दिल्ली में केजरीवाल की सरकार है। इसलिए दिल्लीवालों से नफरत के चलते मोदी जी ने दिल्ली को एक रुपए भी नहीं दिया। जबकि दिल्ली हर साल केंद्र को 2.32 लाख करोड़ रुपए टैक्स देती है। वहीं, पंजाब से ‘‘आप’’ सांसद मलविंदर सिंह कांग ने कहा कि केंद्र सरकार जो 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देती है, उसमें 50 फीसद का योगदान अकेले पंजाब देता है। फिर भी बजट में पंजाब को कुछ नहीं मिला। यह बजट पंजाब विरोधी है और हम इसे सिरे से खारिज करते हैं।

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और पंजाब से सांसद मलविंदर सिंह कांग ने पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर मोदी सरकार द्वारा पेश बजट पर प्रतिक्रिया दी। संजय सिंह ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा पेश बजट में दो-तीन बातें महत्वपूर्ण हैं। पहला, पिछले कई वर्षों से बजट की खुशहाली का अंदाजा शेयर मार्केट के गिरने और उठने से लगाया जाता है। मोदी सरकार का बजट आने के बाद शेयर मार्केट में करीब 12,00 अंक की गिरावट देखी गई। यानि इस बजट के आने के बाद शेयर मार्केट में भी कोई उत्साह नहीं है। दूसरा, बजट से उम्मीद लगाए अलग-अलग वर्गों के लोगों को भी निराशा हाथ लगी ह।ै देश का अन्नदाता किसान केंद्र के तीन काले कानून के खिलाफ एक साल तक सड़कों पर बैठा रहा। वो एमएसपी की मांग कर रहा है। किसानों को उम्मीद थी कि हमारा एमएसपी दोगुना किया जाएगा, लेकिन बजट में कोई प्रवधान नहीं है। जबकि 750 किसान शहादत दे चुके हैं और अभी भी सिंघु बॉर्डर, पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडू समेत देश के अलग-अलग क्षेत्रों में आंदोलनरत है। मोदी सरकार ने किसानों को दूध से मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दिया है। उनको याद ही नहीं कि देश में किसान भी रहते हैं।

संजय सिंह ने कहा कि एनडीए के घटक दल भी अग्निवीर योजना को कूड़ेदान में डालने की मांग कर रहे थे। ये योजना देश की सेना और हमारे नौजवानों के साथ विश्वासघात है। लेकिन मोदी सरकार ने बजट में अग्निवीर योजना पर एक शब्द नहीं बोली। देश का युवा चाहता है कि फिर से पहले की तरह ही सेना की भर्ती बहाल की जाए। अग्निवीर योजना सेना को ठेके पर रखने की योजना है। यह भारत की सेना और भारत माता का अपमान है। इसलिए आम आदमी पार्टी इस योजना को वापस लेने की मांग करती रही है। लेकिन सेना के लिए भी कोई बजट निर्धारित नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इस देश का कर्मचारी वर्ग अपने बुढ़ापे के लिए चिंतित है। उसकी मांग है कि फिर से पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए। केंद्र सरकार नई पेंशन स्कीम में कर्मचारियों का पैसा शेयर मार्केट में लगाती हैं। शेयर मार्केट बढ़ेगा तो कर्मचारियों का पैसा बढ़ेगा और मार्केट गिरेगा तो पैसा डूब जाएगा। डेढ़ लाख रुपए की तनख्वाह पाने वाले कर्मचारियों को भी मात्र 1200-1300 रुपए पेंशन मिल रही है। मोदी जी ने देश के कर्मचारी वर्ग को निराश किया है। माताओं-बहनों और मध्यम वर्ग को उम्मीद थी कि सरकार पेट्रोल-डीजल और रोजमर्रा की वस्तुओं पर टैक्स में छूट देगी, जिससे उन्हें महंगाई से राहत मिलेगी। लेकिन इस पर भी मोदी सरकार का बजट खामोश है।

संजय सिंह ने कहा कि इस देश के छोटे निवेशक शेयर बाजार की छोटी-छोटी कंपनियों में पैसा लगाते हैं और अपना घर चलाते हैं। देश में इन छोटे निवेशकों की संख्या करीब 10 करोड़ है। अगर उनके परिवारों को मिला लिया जाए तो ये संख्या 30 करोड़ तक जाती है। लेकिन सरकार ने लॉन्ग टर्म इनकम पर टैक्स बढ़ाकर 10 से 12.5 फीसद कर दिया और शॉर्ट टर्म को 15 से बढ़ाकर 20 फीसद कर दिया। यानि अगर कोई भी व्यक्ति अपना शेयर एक साल से ज्यादा की अवधि तक रखने के बाद बेचता है तो अब उसे अपनी आमदनी में से सरकार को 12.5 फीसद टैक्स देना होगा। यदि वो शॉर्ट टर्म के शेयर बेचता है तो उसे अब अपनी आमदनी का 20 फीसद देना होगा।

संजय सिंह ने कहा कि सोमवार को आर्थिक सर्वेक्षण आया। भाजपाई कह रहे हैं कि चीन की वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं करना है। फिर इनकी नाटक मंडली चीन का सामान बेचने वाली दुकान में जाकर तोड़फोड़ कर देंगे और दिन भर मीडिया में खबर चलती रहेगी। भाजपाई अपने आका से ये नहीं पूछते हैं कि उनके प्रधान नेता ने चीन के साथ 68 फीसद व्यापार बढ़ाया है। एक भारतीय जो चीन से व्यापार कर रहा है, उसका सामान तोड़ देते हैं। इनको मोदी जी से पूछना चाहिए कि गलवान घाटी में हमारे 20 जवान शहीद हुए, अरुणाचल से लेकर बाकी राज्यों से खबरें आती हैं कि चीन भारत की सीमा में घुसपैठ कर रहा है। मोदी सरकार ने उस चीन के साथ 68 फीसद व्यापार बढ़ाया है। यानि सरकार उल्टा चीन की कमाई करवा रही हैं, ताकि वो और टैंकर-मिसाइल बनाएं और भारत की सीमाओं में घुसपैठ करें। वहीं, देश के अंदर चीन के सामानों का बहिष्कार करने के लिए अपनी पार्टी के लोगों से ड्राम करवाते हैं। इस आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट से ये तथ्य बाहर आए हैं।

संजय सिंह ने दिल्ली के टैक्स शेयर पर कहा कि दिल्ली इनकम टैक्स और जीएसटी मिलाकर केंद्र सरकार को हर साल 2.32 हजार करोड़ रुपए देता है। ये पैसा दिल्ली के लोग केंद्र की मोदी सरकार को दे रहे हैं। लेकिन बदले में मोदी जी दिल्लीवालों को कुछ नहीं दे रहे हैं। मैं नीतीश कुमार से कहना चाहूंगा कि वो आकर दिल्ली की वित्त मंत्री का दर्द सुन लें। दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी उनको सारी असलियत बताएंगी। इसलिए नीतीश कुमार भी प्रधानमंत्री के झांसे में न आएं। 9 साल पहले मोदी जी ने बिहार में रैली के दौरान बिहार को 1.25 लाख करोड़ रुपए देने का वादा किया था। लेकिन 9 साल बाद भी बिहार के लोगों के हिस्से में कुछ नहीं आया। इस बजट में मोदी जी ने बिहार के लिए 26 हजार करोड़ रुपए की घोषणा की है। जिसमें कई हाईवे और पुल बनेंगे। हालांकि ये पूरे देश में कहीं नहीं बन रहे हैं। लेकिन उन्होंने इसे भी जोड़कर 26 हजार बताया है। मैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहना चाहुंगा कि इस सरकार का कोई भरोसा नहीं है। ये पहले भी 9 साल तक बिहार को मूर्ख बना चुके हैं। इसलिए इस बार इस 26 हजार करोड़ रुपए को जल्दी ले लीजिएगा।

संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली के लिए अब तक जो 325 करोड़ रुपए घोषित किया जाता है, इस बार इन्होंने दिल्ली को 1 रुपया भी नहीं दिया। 2 लाख 32 हजार करोड़ रुपए का टैक्स दिल्ली के लोगों से लेने के बावजूद, केंद्र की मोदी सरकार ने दिल्ली को 1 रुपया भी नहीं दिया। दिल्ली में आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की सरकार है। इसलिए इनके मन में दिल्ली के लिए दुर्भावना और नफरत भरी है। ये दिल्ली के साथ भेदभाव कर रहे हैं। केंद्र सरकार को जाने वाले टैक्स में, राज्यों का करीब 15 फीसद टैक्स शेयर का हिस्सा बनता है। दिल्ली तो केवल 10 फीसद ही मांग रही है। दिल्ली वाले 2 लाख 7 हजार करोड़ रुपए इनकम टैक्स देते हैं। उसमें से दिल्ली को कम से कम 20 हजार करोड़ रुपए मिलने चाहिए थे। 10-10 हजार करोड़ रुपए एमसीडी और दिल्ली सरकार को देना चाहिए था, लेकिन मोदी सरकार ने यह भी नहीं दिया। ये बजट सरकार बचाओ-महंगाई बढ़ाओ और झुनझुना बजट है। देश की जनता के हिस्सा में कुछ नहीं आया। किसान, नौजवान, माताएं-बहने, व्यापार और कर्मचारी किसी के हिस्से में कुछ नहीं आया। जबकि कॉर्पाेरेट घरानों का टैक्स नहीं बढ़ाया गया, उनके लिए राहत की खबर जरूर हो सकती है।

उधर, पंजाब से ‘‘आप’’ सांसद मलविंद सिंह कांग ने कहा कि डेढ़ घंटे के बजट भाषण में एक बार भी पंजाब का जिक्र नहीं आया। जबकि पंजाब देश का अन्न भंडार भरता है और केंद्र सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को मिल रहे मुफ्त अनाज में पंजाब का 50 फीसद का योगदान है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने बाढ़ को लेकर केवल हिमाचल और भाजपा शासित राज्य उत्तराखंड का जिक्र किया और उनके लिए पैकेज की भी घोषणा की, जबकि बाढ़ के चलते पंजाब के लोगों ने भी अपनी फसलों और प्रॉपर्टी का नुकसान झेला है, लेकिन उसका बजट में कोई प्रावधान नहीं है। पंजाब में हर रोज देश की शरहदों पर शहीद होने वाले जवान का शव तिरंगे में लपेट कर आती है। इसके बाद भी पिछली बार मोदी सरकार ने 15 अगस्त और 26 जनवरी को परेड में निकाली जाने वाली झांकियों में पंजाब की झांकियों को शामिल करने से इन्कार कर दिया।

उन्होंने कहा कि पंजाब की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है। केंद्र सरकार ने पिछले साल खाद पर 25 हजार करोड़ सब्सिडी देने की घोषणा की थी, लेकिन इस बार इसमें भी 36 फीसद कटौती कर दी गई है। इस बार बजट में 16 हजार करोड़ रुपए सब्सिडी देने की घोषणा की गई है। देश में बेरोजगारी और मंहगाई सबसे उच्च स्तर पर है। खाद, बीज, डीजल पेट्रोल महंगा है। किसान एमएसपी मांग रहा है। कई महीनों से धरने पर किसान बैठे हैं। लेकिन एमएसपी की कानूनी गारंटी नहीं दी गई। मोदी जी को किसानों, जवानों, गरीबों, मजदूरों, महिलाओं की फिक्र नहीं है। मोदी जी को केवल अपनी सरकार बचाने की फिक्र है। यह सरकार बचाओ बजट है। पंजाब बॉर्डर स्टेट है। नार्के का बड़ा आंतक है। पड़ोसी देश पंजाब में घुसपैठ करते हैं। हम केंद्र को कई बार पत्र लिखकर बॉर्डर को सुरक्षित करने और पंजाब को अतिरिक्त फंड देने की मांग कर चुके हैं। लेकिन नहंी मिला। यह बजट पूरी तरह से पंजाब विरोधी है और देश की दशा-दिशा को कहीं भी परिभाषित नहीं करता है।

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