*आम आदमी पार्टी दिल्ली सरकार की कोटरमिनस नौकरियाँ हों या फिर अन्य कार्य जैसे सिविल डिफेंस भर्ती सब में अपने कार्यकर्ताओं को भर्ती करना चाहती है इसलिए महापौर ने कांट्रैक्ट कर्मियों का कांट्रैक्ट नवीकरण रूकवाया- भाजपा नेता
दिल्ली भाजपा के महामंत्री हर्ष मल्होत्रा ने आज निगम पार्षद कमलजीत सहरावत, राय एवं श्री योगेश वर्मा और पार्टी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर के साथ एक संयुक्त पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम किसी भी सूरत में दिल्ली नगर निगम प्रशासन में आम आदमी पार्टी की मनमानी नहीं चलने देंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि निगम शासन व्यवस्था एवं सेवाएं पूर्ण पारदर्शिता से चले।
हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि जब से आम आदमी पार्टी नगर निगम में सत्ता में आई है तब से ना तो वह सदन चलाने में संवैधानिक नियमों का पालन होने दे रहे हैं ना ही प्रशासनिक काम अधिकारियों को करने दे रहे हैं। उन्होंने महापौर डॉ शैली ओबरॉय को कठपूतली मेयर बताते हुए कहा कि 31 मार्च तक निगम के लगभग 3000 कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। साजिश के तहत बजट सेशन में इसके लिए कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया ताकि इन कर्मचारियों की नौकरी खत्म करके अपने कार्यकर्ताओं की भर्ती किया जा सके।
भाजपा नेताओं ने कहा कि गत 8 साल से हम देख रहे हैं कि आम आदमी पार्टी दिल्ली सरकार की कोटरमिनस नौकरियाँ हों या फिर अन्य कार्य जैसे सिविल डिफेंस भर्ती सब में अपने कार्यकर्ताओं को भर्ती करना चाहती है इसलिए महापौर ने कांट्रैक्ट कर्मियों का कांट्रैक्ट नवीकरण रूकवाया।
जब भाजपा ने त्वरित विरोध किया तो अरविंद केजरीवाल के इशारे पर काम करने वाली महापौर अब कांट्रैक्ट नवीकरण की बात कर रही है।
भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा की आम आदमी पार्टी ने निगम सदन में कानूनी रूप से महत्व हीन प्राइवेट पार्षद प्रस्ताव पास करवा कर दिल्ली वालों को जो गुमराह करने का प्रयास किया ऐसे प्रयास जब जब महापौर एवं आम आदमी पार्टी करेंगे तो भाजपा पार्षद उसकी पोल खोलेंगे।
कमलजीत सहरावत ने कहा कि स्टैंडिंग कमेटी निगम की रीढ़ की हड्डी होता है और उसके साथ ही अन्य कमेटियों को रोककर कोशिश की जा रही है कि स्टैंडिंग कमेटी का सारा काम मेयर के द्वारा ही किया जाए, लेकिन मेयर के कार्यालय में आम आदमी पार्टी के नेताओं का जमावड़ा होता है जो चीजों को तय करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर महापौर डॉ शैली ओबरॉय की मंशा कर्मचारियों को लेकर ठीक होती तो बजट चर्चा में ही प्रस्ताव रखा जाता और वहां चर्चा के बाद पास होता लेकिन ऐसा नहीं किया गया और आज निगम के कांट्रैक्ट कर्मचारियों को नौकरी बचाने के लियें जूझना पड़ रहा है।
श शिखा राय ने कहा कि पतझड़ का मौसम आते ही पार्कों का रखरखाव होना बाकि समय से ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है। लेकिन जब कर्मचारियों की ज्यादा जरुरत है तब केजरीवाल सरकार ने एक ऑर्डर निकालकर कई कर्माचारियों को बेरोजगार कर दिया। उन्होंने कहा कि कुछ इसी तरह से 960 डाटा एंट्री ऑपरेटर का भी कॉन्ट्रैक्ट नवीकरण नहीं किया गया। आम आदमी पार्टी ने जितने वायदें अपने घोषणा पत्र में किया था उनमें से एक भी वायदा पूरा नहीं किया। महापौर को ना ही वातावरण की चिंता है और ना ही दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों की।
योगेश वर्मा ने कहा कि डी.बी.सी कर्मचारियों ने कोरोना के दौरान घर-घऱ जाकर लिस्ट बनाने से लेकर वैक्सीनेशन करवाने का काम किया था प्रति वर्ष उनकी सर्विस में हम रुकावट नहीं डालते लेकिन आम आदमी पार्टी शासित नगर निगम ने 3200 कर्मचारियों के साथ विश्वासघात किया है। महापौर के सामने डीपीसी कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट नवीकरण के लिए बोलते रहे लेकिन महापौर ने उनकी अर्जी को अनसुना कर दिया।