- एससी/एसटी कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद ने केश कला बोर्ड के गठन के लिए दी सैद्धांतिक मंजूरी, अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास पहुंची फाइल
- केश कला बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों के साथ-साथ प्रशासनिक, तकनीकी और मंत्री पद समेत कुल 10 सदस्य होंगे शामिल
- केजरीवाल सरकार का उद्देश्य केश कला बोर्ड बनाकर बाल संवारने की पारंपरिक कला को पुनर्जीवित कर नाई समुदाय का समग्र कल्याण करना है – राज कुमार आनंद
- बोर्ड के माध्यम से नाइयों को अग्रिम प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी – राज कुमार आनंद
- बाल संवारने की कला को पुनर्जीवित करने के लिए कौशल विकास और तकनीकी उत्थान सुविधाओं के लिए जागरूकता अभियान आयोजित किया जाएगा – राज कुमार आनंद
केजरीवाल सरकार बाल काटने की पारंपरिक कला और सैलून को नए सिरे से बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम उठाने जा रही है। सरकार इस पेशे से जुड़े लोगों को नवीनतम तकनीकों को अपनाने के लिए दिल्ली केश कला बोर्ड गठित करने जा रही है। इस बोर्ड के माध्यम से केश कला से जुड़े कारोबार को और मजबूती मिलेगी। साथ ही, इससे जुड़े मुद्दों को भी सुलझाने में मदद मिलेगी। दिल्ली सरकार के अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग मंत्री राज कुमार आनंद ने दिल्ली केश कला बोर्ड के गठन को लेकर फाइल पर अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। जिसके बाद इस फाइल को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है। उल्लेखनीय है कि कैबिनेट से इस योजना को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।
अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद ने कहा कि दिल्ली केश कला बोर्ड बनाने के पीछे केजरीवाल सरकार का उद्देश्य केश कला क्षेत्र से जुड़े लोगों को हुनरमंद बनाना है। इस तरह से दिल्ली में सैलून की पारंपरिक कला को पुनर्जीवित कर बढ़ावा दिया जाएगा ताकि नाई समुदाय का समग्र कल्याण हो। बोर्ड के माध्यम से नाइयों को अग्रिम प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। वहीं कौशल विकास और तकनीकी उत्थान सुविधाओं की जानकारी प्रदान करने के लिए जागरूकता अभियान आयोजित किया जाएगा।
राज्य स्तरीय बोर्ड में होंगे 10 सदस्य
दिल्ली केश कला बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों के साथ-साथ प्रशासनिक, तकनीकी और मंत्री पद सहित कुल 10 सदस्य शामिल होंगे। इसके अलावा जिला स्तरीय समितियां भी बनाई जाएंगी। ये समितियां नीतियों और योजनाओं के निर्माण में सहायता देंगी।
केजरीवाल सरकार नाइयों और हजामों को देगी आधुनिक प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता
दिल्ली सरकार नाइयों और हजामों को आधुनिक प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता देकर पारंपरिक केश सज्जा को प्रोत्साहित करेगी। नई तकनीकों के कारण केश सज्जा उद्योग बढ़ा है और केश के लिए इस्तेमाल होने वाले उत्पादों का बाजार ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों में बढ़ा है। लेकिन सरकार का मानना है कि केश काटने का पेशा हजाम और नाई समुदाय द्वारा वंशानुगत तरीके से अपनाया जाता रहा है। वे लोग महंगे उपकरणों और तकनीकों को नहीं अपना सके हैं और इस कारण उद्योग में हुई वृद्धि से वंचित रह गए हैं। ऐसे में दिल्ली केश कला बोर्ड के माध्यम से नाई और हजाम समुदाय को आधुनिक तकनीक का समुचित प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें स्वरोजगार के लिए वित्तीय सहायता भी दी जाएगी।
अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद ने कहा कि बाल काटने के पेशे में कार्यरत बार्बर समुदाय को इस उद्योग में आई तेजी के लाभ का भागीदार बनाने के लिए सरकारी सहायता की आवश्यकता है। उन्हें आज के समय में इस उद्योग में कारगर नवीनतम प्रौद्योगिकी के उचित प्रशिक्षण के साथ-साथ स्वरोजगार के लिए वित्तीय सहायता की जरूरत है। इसी को ध्यान में रखते हुए केजरीवाल सरकार ने इस समुदाय और पेशे से जुड़े लोगों के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इससे उन्हें उन्नत प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता मिलेगी और वे बाल काटने और केशों को सजाने व संवारने की कला की विरासत को बरकरार रखते हुए उसे बढ़ावा देने में सक्षम होंगे।