*निगम ने पानी निकालने के लिए राजघाट, नीली छत्री मंदिर, मठ बाजार, प्रियदर्शिनी कॉलोनी, यमुना बाजार में पोर्टेबल पंप लगाए हैं
*पिछले दो दिनों में पशु चिकित्सा विभाग द्वारा 500 से अधिक मृत पशुओं को उठाया गया है
*तैमूर नगर नाले से 300 मीट्रिक टन गाद उठाई गई
*बाढ़ का पानी या गाद आदि हटाने के लिए दिल्ली नगर निगम ने अपने सोशल मीडिया पर हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं
यमुना नदी का जलस्तर घटने के साथ ही दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने प्रभावित क्षेत्रों से पानी और गाद को हटाने के प्रयास तेज कर दिए हैं ताकि सामान्य स्थिति बहाल की जा सके। एमसीडी ने कई इलाकों से बाढ़ का पानी सफलतापूर्वक निकाल दिया है और सड़कों की सफाई का कार्य तेजी से किया जा रहा है। एमसीडी टीम द्वारा नालों और जलभराव के स्रोतों के कई तटबंधों को भी ठीक कर दिया है। निगम द्वारा कमजोर तटबंधों का विस्तृत सर्वेक्षण किया जा रहा है और इसे मजबूत करने के लिए सक्रिय कदम उठाए गए हैं। दिल्ली नगर निगम के सिटी एसपी जोन के विभिन्न इलाको में जमा पानी को निकालने के लिए पोर्टेबल पंप लगाए गए हैं। एमसीडी ने डब्ल्यूएचओ बिल्डिंग के सामने के रिंग रोड, भैरों मार्ग सबवे, तैमूर नगर ड्रेन और अन्य सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों से पानी निकाल कर सड़कों की सफाई का कार्य किया है। वहीं, हकीकत नगर की सभी गलियों और बैक लेन में विशेष सफाई और फॉगिंग अभियान चलाया गया। सुपर सकर मशीनों से किंग्सवे कैंप क्षेत्र में नालियों की सफाई और मुखर्जी नगर में डीडीए एसएफएस फ्लैट के सम्प वैल की सफाई का भी कार्य किया गया।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य स्थिति बहाल करना
डब्ल्यूएचओ बिल्डिंग के सामने एमसीडी ने रिंग रोड से पानी निकालने के लिए 16 जेटिंग कम सक्शन मशीनें और एक सुपर सकर मशीन तैनात की है। यहां जमा पानी को तेजी से निकालने के लिए नालियों से मैनहोल/आरसीसी स्लैब भी हटा दिए गए। सड़क से पानी को पास में स्थित पीडब्ल्यूडी पंप हाउस में पंप करने के लिए यहां दो पोर्टेबल पंप भी लगाए गए थे। एहतियात के तौर पर ड्रेन नंबर 12ए पर बोरियां डालकर मजबूत किया गया ताकि यह पानी के बहाव में ना टूटे। एमटीवी सराय काले की जेटिंग मशीन लगाकर सफाई कर दी गई है।आईपी कॉम्पलेक्स के आसपास के इलाकों से पानी निकालने के लिए 4-5 लोगों की टीम को सक्शन कम जेटिंग मशीन के साथ तैनात किया गया है।
एक विशेष अभियान के तहत एमसीडी ने भैरों मार्ग सबवे में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए कार्य किया है। यातायात सुचारू करने के लिए दो लोडरों द्वारा कैरिजवे से अतिरिक्त मिट्टी हटा दी गई है। एमसीडी टीम द्वारा 03 जेटिंग मशीनों की सहायता से सड़क पर फैले कीचड़ को हटा दिया गया है और सड़क को धुलवाया गया है। राजघाट स्थित समाधि स्थल से पानी निकालने के लिए पोर्टेबल पंप लगाए हैं। इसके अलावा, एमसीडी ने पानी निकालने के लिए दयाल सिंह कॉलेज लोधी रोड पर 144 एचपी क्षमता के पंप लगाए हैं।
एमसीडी के स्वच्छता विभाग द्वारा मुख्य रूप से बेला गांव, यमुना बेल्ट, मिलेनियम डिपो, रिंग रोड, हाफिज नगर, मूलचंद बस्ती, पुस्ता रोड, मदनपुर खादर आदि में राहत शिविरों में चौबीसों घंटे सफाई और स्वच्छता गतिविधियां चलाई जा रही हैं।
एमसीडी सिटी एसपी जोन में पानी निकालने और सड़कों को साफ करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है, जो कि यमुना के बढ़ते जल स्तर के कारण अत्यधिक प्रभावित क्षेत्र है। इस जोन में पानी निकालने के लिए नीली छतरी मंदिर, मोनेस्ट्री मार्केट, प्रियदर्शिनी कॉलोनी, यमुना बाजार में 05 पोर्टेबल पंप लगाए गए हैं। इन क्षेत्रों में नालियों से गाद निकालने और सड़कों की सफाई का काम चल रहा है।
एमसीडी ने तैमूर नगर नाले पर पोकलेन मशीन तैनात की है और यहां से 300 मीट्रिक टन से ज्यादा गाद उठाई जा चुकी है. किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए क्षेत्र में लगभग 50 मैनहोल और 200 प्रीकास्ट स्लैब बदले गए हैं। आईटीओ पर सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। यहां पर्याप्त कर्मी तैनात हैं। तटबंध मजबूत करने के लिए 1000 रेत की बोरियां आईटीओ साइट पर पहुंचाई गईं। यहां लगभग 100 वर्गमीटर सड़क की मरम्मत भी की गई है।
तटबंधों को ठीक करना
ड्रेन नंबर 14 पर तटबंध टूट गया है, जिससे पानी नजदीक के जनता कैंप में बह गया है। एमसीडी की टीम ने जनता कैंप के 4000 निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए तटबंध को ठीक कर दिया है। तटबंधों को ठीक करने के लिए एमसीडी रेत की बोरियों का उपयोग कर रही है। कमजोर तटबंध का विस्तृत सर्वेक्षण भी किया गया और इसे मजबूत करने के लिए सक्रिय कदम उठाये गये.
जल जनित बीमारियों की रोकथाम की दिशा में प्रयास
एमसीडी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हैजा, टाइफाइड जैसी जल जनित बीमारियों और डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। एमसीडी के जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा राहत शिविरों- बेला गांव, राजघाट डीटीसी डिपो, बागड़ी कैंप शांति वन, गीता कॉलोनी फ्लाईओवर, जैतपुर कैंप, मदनपुर खादर, बटला हाउस स्कूल आदि में मच्छरोधी दवा का छिड़काव और फॉगिंग जैसी मच्छर रोधी गतिविधियां चलाई जा रही हैं।
एमसीडी ने राहत शिविरों के लिए 10 मोबाइल डिस्पेंसरियां स्थापित की हैं। एमसीडी राहत शिविरों में पानी के नमूनों का परीक्षण कर रही है। दिल्ली नगर निगम ने राहत शिविरों में 552 ओपीडी दौरे दर्ज किए, 33 स्वास्थ्य वार्ता आयोजित की और ओआरएस के 248 पैकेट वितरित किए।
एमसीडी का पशु चिकित्सा विभाग बाढ़ प्रभावित इलाकों से मृत जानवरों को उठा रहा है। पशु चिकित्सा विभाग द्वारा पिछले दो दिनों में बाढ़ प्रभावित इलाकों से 500 से अधिक मृत पशुओं को उठाया गया है.
बाढ़ का पानी या गाद आदि हटाने के लिए दिल्ली नगर निगम ने अपने सोशल मीडिया पर हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं। इन हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर नागरिक इस संबंध में सहायता प्राप्त कर सकते हैं। दिल्ली नगर निगम बाढ़ राहत की दिशा में हर संभव कदम उठा रहा है।