- दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल अमित कुमार और स्वास्थ्य विभाग में तैनात नर्सिंग अर्दली सतपाल का कोरोना से निधन हो गया था
- कोविड में लोगों की सेवा करते हुए शहीद हुए कोरोना वारियर्स के परिवार को सम्मान राशि देने वाली दिल्ली सरकार देश में अकेली- अरविंद केजरीवाल
- दिल्ली सरकार अभी तक 92 कोरोना वारियर्स के परिवार को एक-एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि दे चुकी है- अरविंद केजरीवाल
- सम्मान राशि पाने वालों में स्वास्थ्य विभाग के 52, एमसीडी के 17, शिक्षा के 7, डीटीसी के 5, दिल्ली पुलिस के 2, सिविल डिफेंस वालेंटियर्स के 4 और होमगार्ड, एनएसयूटी, डीएसआईडीसी, दिल्ली कैंट बोर्ड, केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के एक-एक कोरोना वारियर्स हैं
केजरीवाल सरकार ने कोविड-19 के दौरान लोगों की सेवा करते हुए जान गंवाने वाले दो और कोरोना वारियर्स के परिवार को एक-एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि देने का निर्णय लिया है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसके प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। यह सम्मान राशि दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग में तैनात नर्सिंग अर्दली कोरोना वारियर्स सतपाल और दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल अमित कुमार के परिवार को मिलेगी। कोविड ड्यूटी के दौरान कोरोना की चपेट में आने से इनका निधन हो गया था। सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि कोविड में लोगों की सेवा करते हुए शहीद हुए कोरोना वारियर्स के परिवार को सम्मान राशि देने वाला दिल्ली देश का इकलौता राज्य है। अभी तक हमने 92 कोरोना वारियर्स के परिवार को एक-एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि दे चुके हैं। आगे भी हम इनके परिवार की हर संभव मदद करते रहेंगे।
इस संबंध में दिल्ली सचिवालय में एक प्रेसवार्ता कर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोविड के समय में हमने देखा कि लोगों को कितनी तकलीफें हुईं। उस वक्त कई कोरोना वारियर्स थे, जिन्होंने अपनी जान दांव पर लगाकर दिल्ली के लोगों की सेवा की थी। दिल्ली पूरे देश का इकलौता राज्य है, जो कोविड के दौरान शहीद हुए करोना वारियर्स की शहादत का सम्मान करते हुए उनके परिवार को एक-एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि देता है। दिल्ली में ऐसे बहुत से डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी, पुलिसकर्मी, सफाई कर्मचारी, पैरामेडिक्स, वालेंटियर्स हैं, जिन्हें अब तक मैं या मेरे मंत्री उनके घर जाकर एक-एक करोड़ रुपए चेक दे चुके हैं।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया पिछले दिनों कैबिनेट मीटिंग हुई। इस मीटिंग में कोरोना योद्धाओं के दो नाम और शामिल करते हुए उसकी मंजूरी दी गई है। इसमें एक सतपाल हैं, जो नर्सिंग अर्दली थे। सतपाल साकेत स्थित जिला मेडिकल स्टोर में तैनात थे। यह इलाका हाई रिस्क जोन में आता था। सतपाल वहां से दिल्ली की 40 डिस्पेंसरीज के लिए दवाइयां भेजा करते थे, जहां हजारों हेल्थ वर्कस और मरीजों के लिए दवाइयां जाती थीं। सक्रिय ड्यूटी के दौरान वो कोविड की चपेट में आ गए और 28 नवंबर 2020 को उनकी शहादत हो गई।
इसी तरह दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल अमित कुमार हैं। वो भरत नगर पुलिस स्टेशन में तैनात थे। लॉक डाउन के दौरान दीप चंद बंधु अस्पताल के आसपास अत्यधिक जोखिम वाले कंटेनमेंट जोन इनकी ड्यूटी थी। इस क्षेत्र में सैकड़ों संक्रमित मरीज़ आ रहे थे, जिससे यह इलाका एक अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र बन गया। इसके बाद भी उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना दिल्ली के लोगों की सेवा में लगातार काम किया और ड्यूटी के दौरान वो भी कोरोना से संक्रमित हो गए। 5 मई 2020 को अमित कुमार की शहादत हो गई। सीएम ने बताया कि इन दोनों कोरोना योद्धाओं के परिवार को एक-एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि देने की मंजूरी दी है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने अभी हम दिल्ली सरकार 92 कोरोना वारियर्स के परिवार को एक-एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि दे चुकी है। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि इनकी आत्मा को शांति मिले और हम इनके परिवार की हर संभव मदद करेंगे।
केजरीवाल सरकार कोरोना योद्धाओं के परिवार को देती है एक करोड़ की सम्मान राशि
कोविड-19 के दौरान कोरोना योद्धाओं डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिसकर्मियों, सफाई कर्मियों, शिक्षकों, पैरामेडिक्स, वालेंटियर्स आदि ने बड़ी बहादुरी के साथ दिल्ली में लाखों लोगों की जान बचाई थी। दिल्ली सरकार इन कोरोना योद्धाओं को नमन करते हुए उनके परिवारों को एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि देने का निर्णय लिया। ये करोना योद्धा दिल्ली सरकार, एमसीडी, दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत थे, जो महामारी से लड़ने और लोगों की जिंदगी बचाने में अपनी जान गंवा बैठे।
इन विभागों में तैनात कोरोना वारियर्स के परिवार को मिली सम्मान राशि
दिल्ली सरकार ने 92 कोरोना योद्धाओं के परिवार को एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि दे चुकी है। ये करोना योद्धा विभिन्न विभागों में तैनात थे और दिल्ली के लोगों की सेवा करते हुए अपनी जान गंवा दी। इसमें दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के 52, एमसीडी के 17, शिक्षा विभाग के 7, डीटीसी के 5, दिल्ली पुलिस के 2, सिविल डिफेंस वालेंटियर्स के 4 और होमगार्ड, एनएसयूटी, डीएसआईडीसी, दिल्ली कैंट बोर्ड, केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के एक-एक कर्मचारी शामिल हैं। एमसीडी के जिन 17 कोरोना योद्धाओं के परिवार को एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि दी जाएगी, उनमें 10 डॉक्टर व मेडिकल स्टॉफ, 4 टीचर और 3 सफाई कर्मचारी शामिल हैं।
कुछ बहादुर कोरोना योद्धाओं की कहानियां
1- प्रेम बाबू, ओटी टेक्नीशियन (जीटीबी अस्पताल)
प्रेम बाबू जीटीबी अस्पताल में एक टेक्निकलओटी स्टाफ थे, जब कोविड महामारी अपने पीक पर थी तब वो अस्पताल के रेड जोन में क्रिटिकल कंडीशन के कोडिड-19 मरीजों की सेवा कर रहे थे। वो अस्पताल में इलाज के दौरान इस्तेमाल होने वाले उपतरणों का ध्यान रखते थे। इस दौरान वह खुद कोविड वायरस की चपेट में आ गए और 12 दिन तक जिंदगी की जंग लड़ी लेकिन अंततः उनका निधन हो गया।
2- सतिंदर हंस, नर्सिंग ऑफिसर (डीडीयू अस्पताल)
सतिंदर हंस दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल के ट्रॉमा ब्लॉक में सीनियर मेडिकल ऑफिसर के पद पर काम करती थीं। इस अस्पताल को प्राइम कोविड 19 अस्पताल घोषित किया गया था। जिसके चलते यहां बड़ी संख्या में कोविड के मरीज भर्ती थे। लगातार इन मरीजों के संपर्क में रहने से उन्हें भी कोविड हो गया था।
3- डॉ. रमेश कुमार हिमथानी, एचओडी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी डिपार्टमेंट (बत्रा हॉस्पिटल)
वो बत्रा हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च सेंटर, तुगलकाबाद में 35 सालों से एचओडी के पद पर काम कर रहे थे। वो कोविड लहर के दौरान अस्पताल के आईसीयू और कोविड वॉर्ड में मरीजों की देखभाल कर रहे थे। अपनी ड्यूटी के दौरान वो भी इससे संक्रमित हो गए और 2021 में उनकी मृत्यु हो गई।
4- सुनील कुमार, कंडक्टर (डीटीसी)
कोविड की दूसरी लहर में सुनील कुमार को डॉक्टर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ के लिए तैनात किए गए बसों में कोरोना ड्यूटी पर लगाया गया था। कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता गया, जिसके कारण उनकी मृत्यू हो गई।
5- राजेंद्र पाल, सफाई कर्मचारी, हिंदू राव अस्पताल नॉर्थ डीएमसी
हिंदू राव अस्पताल को महामारी के दौरान एक कोविड अस्पताल घोषित किया गया था। इन्हें कोविड के क्रिटिकल कंडीशन के मरीजों की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इन मराजों के सेवा करने वाले कई कार्यकर्ताओं में राजेंद्र पाल भी शामिल थे जो मेडिकल वेस्ट को संभालते थे और अस्पताल को साफ रखते थे। वो ड्यूटी के दौरान कोविड-19 से संक्रमित हो गए और उनका निधन हो गया।
6- रीना, सिविल डिफेंस वालंटियर (दिल्ली सरकार)
महामारी के समय में सरकार ने दिल्ली में कई फूड डिस्ट्रीब्यूशन मूवमेंट चलाए थे। जिसमें रीना को निगम प्रतिभा विद्यालय, अरविंद विहार और ईडीएमसी प्राइमरी स्कूल, गौतम विहार-2 में फूड डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर पर सिविल डिफेंस वालंटियर के रूप में नियुक्त किया गया था। महामारी के दौरान लोगों की भोजन की रोजाना की जरूरत को पूरा करने में अपना योजदान देने के दौरान को कोविड से संक्रमित हो गईं और उनका निधन हो गया।
7- डॉ. उज्ज्वल कुमार घोष, चिकित्सक (आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक, दिचाऊं कलां)
डॉ. उज्ज्वल कुमार घोष को एसएनओ/एसपीओ एएमसी सेल द्वारका द्वारा एएएमसी के डॉक्टर के तौर पर नियुक्त किया गया था और वह साउथ वेस्ट जिले में एएएमसी दिचाओं कलां में तैनात थे। यह क्लीनिक कोविड के लिए डेडिकेटेड सेंटर नहीं था, लेकिन क्लीनिक के ओपीडी में कोविड के मरीजों की भारी संख्या होने के चलते वो भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे।
8- कृष्ण पाल, स्ट्रेचर बियरर (गुरु नानक आई सेंटर)
कृष्ण पाल गुरु नानक आई सेंटर, जिसे एक कोविड अस्पताल के रूप में नामित किया गया था। उसमें मरीजों को वार्ड से ऑपरेशन थिएटर में स्ट्रेचर पर ले जाने का काम करते थे। उन्होंने महामारी के मुश्किल समय में भी निस्वार्थ भाव से काम किया और कई लोगों की जानें बचाने में मदद की। इस दौरान 2021 में वो कोरोना से संक्रमित हो गए और उनका निधन हो गया।