*अब भारत के शौर्य और राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक बन चुका है सिंदूर: कुलपति प्रो. योगेश सिंह
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय में पौधारोपण अभियान का आयोजन किया गया। इस अभियान की शुरुआत डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने सिंदूर का पौधा लगाने के साथ की। इस अवसर पर डीयू के वाइस रीगल लॉज स्थित वीसी लाउंज में डीन ऑफ कॉलेजेज़ प्रो. बलराम पाणी, दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. प्रकाश सिंह, वित्त अधिकारी गिरीश रंजन और कल्चर काउंसिल के चेयरपर्सन एवं पीआरओ अनूप लाठर आदि ने भी अपने हाथों से सिंदूर के पौधे लगाए।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि सिंदूर का पेड़ केवल धार्मिक या व्यापारिक दृष्टि से ही लाभकारी नहीं है, अपितु यह औषधीय दृष्टि से भी बहुत लाभकारी है; लेकिन अब सिंदूर भारत के शौर्य और राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक बन चुका है। कुलपति ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की सशस्त्र सेनाओं ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत अपनी ताकत और सरकार की नई रक्षा नीति को विश्व के सामने मजबूती के साथ दर्शाया है। हमारी सैन्य कार्रवाई ने देश की रणनीतिक क्षमता और मजबूत नेतृत्व को स्पष्ट किया है।
कुलपति ने कहा कि इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मिशन लाइफ के विजन को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “एक पेड़ मां के नाम” 2.0 का शुभारंभ किया है। इसके तहत 10 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि इस मुहिम में सभी विद्यार्थी बढ़ चढ़ कर भाग लें और कम से कम एक-एक पेड़ जरूर लगाएं। प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि यह अभियान मात्र औपचारिकता नहीं रहना चाहिए, बल्कि जो पेड़ लगाएं उसकी देखभाल भी जरूर करें। उन्होंने कहा पेड़ केवल हरियाली ही नहीं देते, बल्कि आक्सीजन का उत्सर्जन करके हमारे पर्यावरण को भी शुद्ध बनाते हैं। दिल्ली जैसे शहर में तो पेड़ों का विशेष महत्व है। इस अवसर पर डीयू उद्यान समिति की अध्यक्ष प्रो. रूपम कपूर ने सभी का धन्यवाद किया।