आम आदमी पार्टी की भाजपा को चुनौती, वह एक वीडियो दिखा दें जहां ‘आप’ पार्षद सदन के अंदर हंगामा कर रहे हो

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  • हमने आपको 5 वीडियो दिखाए जिसमें साफ़ दिखा कि ‘आप पार्षद’ भाजपा की बदतमीजी के बावजूद शांतिपूर्वक बैठे रहे- आतिशी
  • भाजपा के पार्षद सदन की कार्यवाही रोकने की पूरी तैयारी करके आए थे- आतिशी
  • आम आदमी पार्टी हर हालत में कल मेयर का चुनाव कराना चाहती थी, मगर भाजपा चाहती थी कि मेयर का चुनाव किसी भी हालत में न हो- आतिशी
  • एमसीडी के सदन में कल बीजेपी ने गुंडागर्दी करके सदन को स्थगित किया और मेयर के चुनाव को रोका- आतिशी
  • बीजेपी कह रही है कि अगर हम जीतकर नहीं आते है तो सदन में गुंडागर्दी करेंगे, यह भारत के लोकतंत्र पर एक तमाचा था- आतिशी
  • बीजेपी लोकतंत्र का सम्मान नहीं करती है और चुनाव हारने के बाद भी विपक्ष में बैठने को तैयार नहीं हैं- आतिशी
  • एमसीडी चुनाव के नतीजे आए 50 दिनों से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन अभी तक बीजेपी ने एमसीडी में मेयर का चुनाव नहीं होने दिया है- आतिशी
  • आम आदमी पार्टी के पार्षदों और सांसदों ने अपनी आपत्ति के बावजूद नॉमिनेटेड काउंसलर्स की शपथ पहले होने दी, क्योंकि हम मेयर के चुनाव को नहीं रोकना चाहते थे- आतिशी
  • पार्षदों की शपथ 2:20 पर पूरी होने के बाद जब मेयर चुनाव की तैयारी हो रही थी, तभी बीजेपी के पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया- आतिशी
  • ‘आप’ के लीडर ऑफ द हाउस मुकेश गोयल ने कहा कि इलेक्टोरल रोल सदन में प्रस्तुत किया जाए तो फिर से बीजेपी ने हंगामा शुरू कर दिया- आतिशी
  • बीजेपी वाले पहले से ही नारे लिखे हुए कागज लाए थे कि किस मुद्दे पर हंगामा करेंगे, उन्होंने सोचा हुआ था कि हमें सदन को स्थगित कराना है- आतिशी
  • भाजपा को समझ में आ गया था कि आज हमारी बुरी तरह हार होगी, वह अपनी हार पचा नहीं पा रहे थे- मुकेश गोयल
  • पीठासीन अधिकारी भी सदन को स्थगित करके इसलिए भाग गईं, क्योंकि उन्हें पता था कि आम आदमी पार्टी का मेयर बन जाएगा- मुकेश गोयल

आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की भाजपा को चुनौती है कि वह एक वीडियो दिखा दें जहां ‘आप’ पार्षद सदन के अंदर हंगामा कर रहे हो। हमने आपको 5 वीडियो दिखाए जिसमें साफ़ दिखा कि ‘आप पार्षद’ भाजपा की बदतमीजी के बावजूद शांतिपूर्वक बैठे रहे। भाजपा के पार्षद सदन की कार्यवाही रोकने की पूरी तैयारी करके आए थे। आम आदमी पार्टी हर हालत में कल मेयर का चुनाव कराना चाहती थी, मगर भाजपा चाहती थी कि मेयर का चुनाव किसी भी हालत में न हो।एमसीडी के सदन में कल बीजेपी ने गुंडागर्दी करके सदन को स्थगित किया और मेयर के चुनाव को रोका। बीजेपी कह रही है कि अगर हम जीतकर नहीं आते है तो सदन में गुंडागर्दी करेंगे, यह भारत के लोकतंत्र पर एक तमाचा था। बीजेपी लोकतंत्र का सम्मान नहीं करती है और चुनाव हारने के बाद भी विपक्ष में बैठने को तैयार नहीं हैं। एमसीडी चुनाव के नतीजे आए 50 दिनों से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन अभी तक बीजेपी ने एमसीडी में मेयर का चुनाव नहीं होने दिया है।आम आदमी पार्टी के पार्षदों और सांसदों ने अपनी आपत्ति के बावजूद नॉमिनेटेड काउंसलर्स की शपथ पहले होने दी, क्योंकि हम मेयर के चुनाव को नहीं रोकना चाहते थे। उन्होंने कहा कि पार्षदों की शपथ 2:20 पर पूरी होने के बाद जब मेयर चुनाव की तैयारी हो रही थी, तभी बीजेपी के पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया। ‘आप’ के लीडर ऑफ द हाउस मुकेश गोयल ने इलेक्टोरल रोल सदन में प्रस्तुत करने की बात कही तो फिर से बीजेपी ने हंगामा शुरू कर दिया।बीजेपी वाले पहले से ही नारे लिखे हुए कागज लाए थे कि किस मुद्दे पर हंगामा करेंगे, उन्होंने सोचा हुआ था कि हमें सदन को स्थगित कराना है। वहीं, ‘आप’ के लीडर ऑफ द हाउस मुकेश गोयल ने कहा कि भाजपा को समझ में आ गया था कि आज हमारी बुरी तरह हार होगी, वह अपनी हार पचा नहीं पा रहे थे।पीठासीन अधिकारी भी सदन को स्थगित करके इसलिए भाग गईं, क्योंकि उन्हें पता था कि आम आदमी पार्टी का मेयर बन जाएगा।

आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी और ‘आप’ के लीडर ऑफ द हाउस मुकेश गोयल ने पार्टी मुख्यालय में आज महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। विधायक आतिशी ने कहा कि दिल्ली नगर निगम पिछले 15 साल में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। दिल्ली की जनता बीजेपी के भ्रष्टाचार व कुशासन से परेशान हो गई थी। दिल्ली की जनता ने एमसीडी में बीजेपी को निकालकर बाहर फैंकने का मन बना लिया। बीजेपी को पता था कि दिल्ली की जनता उनसे परेशान है तो अप्रैल में होने वाले चुनाव को टालकर साम दाम दंड भेद से अपनी हार को बदलने की कोशिश की। एमसीडी का अप्रैल में चुनाव न हो इसलिए तीनों एमसीडी का एकीकरण किया। गुजरात के चुनाव के समय ही एमसीडी का चुनाव करवाया। इन सब कोशिशों के बावजूद बीजेपी को दिल्ली की जनता ने एमसीडी से निकालकर बाहर फैंक दिया। इसके बावजूद बीजेपी को चैन नहीं हैं। बीजेपी लोकतंत्र का सम्मान नहीं करती है और चुनाव हारने के बाद भी विपक्ष में बैठने को तैयार नहीं है। चुनाव के नतीजे आए 50 दिनों से ज्यादा हो गए हैं लेकिन अभी तक बीजेपी ने एमसीडी में मेयर का चुनाव नहीं होने दिया। एमसीडी के सदन में कल बीजेपी ने गुंडागर्दी करके सदन को स्थगित किया और मेयर के चुनाव को रोका। यह भारत के लोकतंत्र पर एक तमाचा था। बीजेपी कह रही है कि अगर हम जीत कर नहीं आते है तो हम सदन में गुंडागर्दी करेंगे। हम जीती हुई पार्टी की सरकार नहीं बनने देंगे।

उन्होंने कहा कि बीजेपी झूठ बोल रही है कि आम आदमी पार्टी ने चुनाव नहीं होने दिया। मैं आज आपको स्टेप बाई स्टेप बताऊंगी की कल सदन में क्या हुआ। आम आदमी पार्टी की इच्छा थी कि मेयर का चुनाव हो और बीजेपी शुरू से किसी न किसी तरीके से चुनाव टालना चाहती थी। एमसीडी सदन के कल 11 बजे शुरू होने का समय था। आम आदमी पार्टी के सारे पार्षद, विधायक और सांसद 10 बजकर 45 मिनट पर सदन में मौजूद थे कि किसी भी कारणवश मेयर के चुनाव में विलंब नहीं होना चाहिए। बीजेपी के पार्षद 11 बजे का समय गुजरने के बाद भी नहीं आए। भाजपा के पार्षदों ने 11:10 पर सदन में एंट्री की। बीजेपी की पार्षद सत्या शर्मा इसके 5 मिनट बाद आयी। उन्हें पता था कि पिछली बार नॉमिनेटेड काउंसलर्स को पहले शपथ दिलाने पर विवाद हुआ था। उनका इरादा होता कि सदन ठीक से चले तो वह खुद कह सकती थीं कि हम इलेक्टेड पार्षदों की शपथ पहले करवाएंगे और नॉमिनेटेड काउंसलर्स की बाद में कराएंगे। विवाद को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने फिर से कहा कि मैं नॉमिनेटेड काउंसलर्स की शपथ पहले कराऊंगी। हमारे लीडर ऑफ द हाउस मुकेश गोयल ने खड़े होकर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि आपके अपने एजेंडा में पहले इलेक्टेड पार्षदों की शपथ और फिर नॉमिनेटेड काउंसलर्स की शपथ के बारे में लिखा है। बीजेपी की सत्या शर्मा जी ने कहा कि वह नॉमिनेटेड काउंसलर्स की शपथ पहले कराएंगी।

विधायक आतिशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी के पार्षदों और सांसदों ने अपनी आपत्ति के बावजूद नॉमिनेटेड काउंसलर्स की शपथ पहले होने दी। लेकिन हमने आपत्ति जताई, रिकॉर्ड करवाई। क्योंकि हम मेयर के चुनाव को नहीं रोकना चाहते थे। इसलिए हमने नॉमिनेटेड काउंसलर्स की भी शपथ पहले होने दी। नॉमिनेटेड काउंसलर्स की शपथ 11:30 तक खत्म हुई। इसके बाद चुने गए पार्षदों की शपथ 11:30 बजे शुरू हुई जो कि 2:20 तक चली। इसके बाद प्रिसाइडिंग ऑफिसर ने 2:20 पर जैसे ही सदन स्थगित करते हुए कहा कि हम चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। वैसे ही बीजेपी के पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया। इन फोटो में आप देख सकते हैं कि बीजेपी के पार्षद टेबल पर चढ़कर हंगामेबाजी करने लगे। लेकिन आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने अपनी कुर्सी नहीं छोड़ी। आप देख सकते हैं कि मैं स्वयं, दुर्गेश पाठक और संजय सिंह सभी को कह रहे हैं कि प्रवोक मत हो, बैठ जाईए। सदन जैसे ही स्थगित हुआ औऱ चुनाव की टेबल लगनी शुरू हुई। बीजेपी के नेताओं ने हंगामा शुरू कर दिया। सत्या शर्मा वापिस आई। हमारे लीडर ऑफ द हाउस मुकेश गोयल ने कहा कि मेयर के चुनाव में कौन-कौन वोट डालेगा। उसके इलेक्टोरल रोल को सदन में प्रस्तुत किया जाए। क्योंकि हमें आशंका थी कि असवैधानिक तरीके से नॉमिनेटेड काउंसलर्स से वोट डलवाया जाएगा। जैसे ही मुकेश गोयल जी ने यह मांग कि तो फिर से बीजेपी ने हंगामा शुरू कर दिया। सत्या शर्मा ने हमें इलेक्टोरल रोल दिए बिना फिर से सदन को स्थगित कर दिया। सदन में बैठे हमारे काउंसलर्स ने कुछ वीडियो बनाए। जिसमें स्पष्ट तौर से देखा जा सकता है कि वास्तव में सदन में क्या हुआ। जिसके बाद सदन को स्थगित कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि वीडियो में भी दिख रहा है कि आम आदमी पार्टी के सारे पार्षद और विधायक अपनी जगह पर बैठे हुए हैं। एक भी व्यक्ति खड़ा नहीं हुआ है। महेंद्र गोयल साइड में खड़े थे। वैल में मौजूद सारे पार्षद बीजेपी के हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल व मनीष सिसोदिया के खिलाफ नारे लगा रहे है। ऐसा नहीं है कि सदन में हंगामा हुआ और बीजेपी वालों ने तभी कुछ कागज पर लिखा। वह पहले से ही टाइप व प्रिंट करके नारे लिखे हुए कागज लाए थे कि किस मुद्दे पर हंगामा करेंगे। उसके अनुसार वो अलग-अलग चीजें पहले से प्लान व प्रिंट करके लाए थे। एक अन्य वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि वैल में सिर्फ और सिर्फ बीजेपी के पार्षद है। आम आदमी पार्टी के विधायक, पार्षद, सांसद अपनी कुर्सियों पर शांतिपूर्वक बैठे हुए हैं। आम आदमी पार्टी के पार्षदों के तीनों तरफ बीजेपी के पार्षद खड़े होकर चिल्ला रहे हैं। भाजपा के लोग आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह जी, सुशील गुप्ता जी, एनडी गुप्ता के एकदम चेहरे के सामने आकर चिल्ला रहे है। लेकिन फिर भी आम आदमी पार्टी के विधायक, पार्षद, सांसद शांतिपूर्ण तरीके से अपनी कुर्सी पर बैठे हुए हैं। तीसरे वीडियो में भी दोनों तरफ बीजेपी के पार्षद खड़े होकर नारेबाजी कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी के पार्षद अपनी कुर्सियां भी नहीं छोड़ रहे है। वह सब अपनी कुर्सी पर बैठे हुए हैं। कोई न रिएक्ट कर रहा है और न ही रिस्पॉड कर रहा है। भाजपा के पार्षद 10-15 मिनट तक वैल में खड़े होकर के नारेबाजी, गाली गलौज, बदतमीजी करते रहे। इनका प्लेकार्ड कह रहा है कि शपथ को चलने दो, हमें शपथ लेने दो। लेकिन तबतक शपथ हो चुकी थी। इसका मतलब यह है कि बीजेपी वाले तरह-तरह से हंगामे की तैयारी से आए थे। उन्होंने किसी न किसी तरीके से सदन को स्थगित करने का सोचा हुआ था। इसलिए उन्होंने जानबूझकर पहले नॉमिनेटेड काउंसलर्स की शपथ करवाई कि हम रोकेंगे। उन्होंने पहले से ही इसे लेकर आने को कहा था। बीजेपी की पार्षद मैडम को पता नहीं चला कि किस मुद्दे पर हमें हंगामा करना है। उन्हें सिर्फ ये पता था कि हंगामा करना है। यह प्लैकार्ड उन्होंने उठा लिया।

विधायक आतिशी ने कहा कि मैंने आप लोगों को 5 ऐसे वीडियो दिखाए। जहां पर साफ दिख रहा कि बीजेपी के पार्षद हंगामे की तैयारी से आए। वहीं आम आदमी के पार्षद चुपचाप बैठे रहें। क्योंकि हम चाहते थे कि मेयर का चुनाव हो और दिल्ली को जल्द मेयर मिल जाए। खुद अपने पार्षदों की गुंडागर्दी को बहाना बनाते हुए 2:54 मिनट पर सदन स्थगित करने से पहले सत्या शर्मा अपने आफिस में नहीं बैठी थी। वह सदन के बाहर बीजेपी के नातओं के साथ खड़ी रहीं। हरीश खुराना जी उन्हें कागज पर चीजें लिखकर बताते रहे। उन्होंने 2:54 मिनट पर आकर अपने ही पार्षदों की गुंडागर्दी को बहाना बनाते हुए, सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया। आप देख सकते हैं कि सुबह 10.45 से 2:55 मिनट के घटनाक्रम से साफ है कि आम आदी पार्टी मेयर का चुनाव चाहती थी और बीजेपी मेयर का चुनाव किसी भी हालत में नहीं होने देना चाहती थी। मगर भाजपा यह चाहती थी कि मेयर का चुनाव किसी भी हालत में न हो।

आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि मैं आज सभी मीडिया के साथियों के माध्यम से भाजपा को यह चुनौती देना चाहती हूं कि ‘उनके नेताओं, सांसद, विधायकों, पार्षदों ने बाहर आकर झूठ बोल रहे हैं कि आम आदमी पार्टी ने बदतमिजी, गुंडागर्दी और नारेबाजी की है। तो भाजपा के सदन में 105 पार्षद, 7 सांसद और 10 मनोनीत पार्षद हैं उन सभी को मेरा चैलेंज है, कि वह ऐसा एक भी वीडिया दिखा दे, जिसमें आम आदमी पार्टी के किसी भी पार्षद, विधायक या सांसद ने गाली गलोच, गुंडागर्दी, बदतमीजी या सदन की कार्यवाही को रोकने की कोशिश करते दिखाई दे रहे हैं। अगर यह आम आदमी पार्टी पर इलजाम लगा रहे हैं तो उसका कोई भी एक वीडिया जनता के सामने रखें, वरना यह इस बात को मान लें कि वह लोकतंत्र की हत्या करना चाहते हैं। यह माने कि भाजपा गुंडागर्दी के जरिए चुनाव हारने के बावजूद विपक्ष में बैठने को तैयार नहीं है औऱ आम आदमी पार्टी के मेयर या सरकार बनने में खलल डाल रही है।

आम आदमी पार्टी के लीडर ऑफ द हाउस मुकेश गोयल ने कहा कि ‘ज्यादातर पत्रकार भी सदन की कार्यवाही के समय मौजूद थे, सभी ने देखा कि हम हर हालात में चाहते थे कि मेयर का चुनाव हो, हमारे पास संख्याबल है। सांसद, विधायक औऱ निगम पार्षद मिलाकर 151 वोट हैं, जबकि भाजपा के पास सब मिलाकर 113 वोट हैं। मगर वह बार-बार असंवैधानिक तरीके से काम करते हैं। चाहे वो मनोनीत सदस्य को वोट देने की अधिकारी की बात हो या भाजपा के कहने पर पीठासीन अधिकारी के निर्णय की बात हो, इन सभी मामलों में हमें अपना विरोध दर्ज कराना होगा। उसे मानना या न मानना पीठासीन अधिकारी के ऊपर निर्भर करता है। इतना सब होने के बाद भी हमने सभी सदस्यों की शपथ करवाई, क्योंकि भाजपा शपथ के दौरान ही हंगामा कराना चाहती थी। इसके बाद मेयर के चुनाव के लिए हमने पीठासीन अधिकारी से कौन-कौन वोट डाल सकता है उन लोगों की सूची मांगी तो पीठासीन अधिकारी महोदय दो मिनट के लिए सदन को स्थगित कर रही हूं कहकर 15 मिनट के बाद आई। इसके बाद भी उन्होंने हमें मतदाताओं की कॉपी नहीं दी, पीठासीन अधिकारी की मंशा थी कि वह मनोनीत सदस्यों को भी वोट करने का अधिकार दें, जबकि यह संविधान के दायरे में नहीं आता और न ही एमसीडी के एक्ट में आता है। तीन-तीन बार हाई कोर्ट की बेंच ने फैसले दिए हैं कि मनोनीत सदस्यों को सदन में मतदान का कोई अधिकार नहीं है। उसके बावजूद भी भाजपा हर तरह का प्रयास करने में लगी हुई है। हालांकि अगर वह 10 सदस्य भी शामिल कर लें तो भी इनकी संख्या 123 बैठती है और आम आदमी पार्टी की 151 है। हमारे सभी पार्षद, विधायक और सांसद रात 8 बजे तक सदन के अंदर डटे रहे कि पीठासीन अधिकारी दोबारा सदन को बुलाए और मेयर का चुनाव हो।

उन्होंने कहा कि ‘आप’ के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने हर पार्षद, विधायक और सांसद की परेड भी कराई कि सभी 151 सदस्य सदन में मौजूद थे। मगर भाजपा को डर लगा हुआ था उन्होंने दो दिन पहले अफवाह फैला रखी थी कि हमने आम आदमी पार्टी के 15 पार्षद तोड़ लिए हैं, लेकिन आप के नेता बिकने वाले नहीं है। यही बात भाजपा के समझ में आ गई थी कि आज हमारी बुरी तरह हार होगी, वह अपनी हार पचा नहीं पा रहे थे। भाजपा 15 साल एमसीडी में रही है, अगर इस बार दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को चुना है, तो भाजपा इसे क्यों नहीं स्वीकार रही है। दिल्ली की जनता का फैसला नहीं स्वीकार रही बल्कि चोर दरवाजे से एमसीडी की सत्ता हासिल करने का प्रयास कर रही है। लोकतंत्र के अंदर पक्ष और विपक्ष दोनों को अपनी बात उठाने का अधिकार है। महापौर का चुनाव कल हो जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका यह बहुत शर्मनाक बात है। भाजपा के लोग मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जी के खिलाफ भद्दे-भद्दे नारे लगाते रहे लेकिन आम आदमी पार्टी के सभी नेता शांति से देखते रहे क्योंकि हम चाहते थे कि मेयर का चुनाव हो और दिल्ली की जनता ने जो जनादेश दिया है उसका पालन होना चाहिए। एमसीडी चुनाव हुए आज 50 दिन हो गए मगर अभी तक मेयर का चुनाव नहीं हो पाया, भाजपा के पास अगर संख्याबल हैं तो वह भाग क्यों रही है। पीठासीन अधिकारी भी सदन को स्थगित करके इसलिए भाग गईं क्योंकि उन्हें पता था कि आम आदमी पार्टी के सभी 151 सदस्य मौजूद हैं तो उनका मेयर बन जाएगा। इसी कारण से यह सभी ड्रामा हुआ है।

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