अनपढ़ मोदी सरकार देने के बजाय खत्म कर रही नौकरियां, दिल्ली के 437 विशेषज्ञों की खत्म कर दी नौकरी – प्रियंका कक्कड़

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  • नौकरी से निकाले गए विशेषज्ञ दिल्ली सरकार के रोजमर्रा के काम देख रहे थे, अब क्या इनका काम एलजी करेंगे?- प्रियंका कक्कड़
  • एलजी ने 2014 में आए हाई कोर्ट के फैसले को आधार बनाया है, लेकिन 11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट का फैसला दिल्ली के हक में आया है- प्रियंका कक्कड़
  • इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी, लेकिन सवाल ये भी है कि क्या चुनी हुई सरकार रोजाना कोर्ट के चक्कर लगाती रहे या जनता के काम करे- प्रियंका कक्कड़
  • सेना में मेजर व कैप्टन और दिल्ली में 15,535 पुलिस कर्मियों की कमी है, जबकि रेलवे में 3.5 लाख पद खाली हैं – प्रियंका कक्कड़
  • हम सीबीआई – ईडी से नहीं डरे, ऑपरेशन लोटस से नहीं बिके तो अध्यादेश से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट कर सर्विसेज छीन ली – प्रियंका कक्कड़
  • एलजी दिल्ली से जितनी नफ़रत करते हैं, अरविंद केजरीवाल दिल्ली की जनता से उससे भी ज़्यादा मोहब्बत करते हैं- प्रियंका कक्कड़
  • दिल्ली की जनता ने भाजपा को तीन बार विधानसभा चुनाव और एमसीडी चुनाव में हराया, अब इनको 2024 में भी हराएगी – प्रियंका कक्कड़

दिल्ली सरकार से जुड़कर काम कर रहे 437 विशेषज्ञों को नौकरी से निकाले जाने पर आम आदमी पार्टी ने एलजी और मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया।”आप” की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ का कहना है कि अनपढ़ मोदी सरकार ने 18 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था। लेकिन ये सरकार नौकरियां देनी तो दूर की बात है, नौकरियां ही खत्म कर रही है। 2014 में आए हाई कोर्ट के एक फैसले को आधार बनाकर मोदी सरकार ने एलजी के जरिए दिल्ली सरकार के रोजमर्रा के काम देख रहे 437 विशेषज्ञों की नौकरियां छीन ली है। जबकि 11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने दिल्ली के हक में अपना फैसला सुनाया है। उन्होंने कहा कि एलजी दिल्ली की जनता से जितनी नफ़रत करते हैं, उससे कहीं ज्यादा अरविंद केजरीवाल दिल्ली की जनता से मोहब्बत करते हैं। दिल्ली की जनता विधानसभा और एमसीडी के बाद अब लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को हराएगी।

आम आदमी पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर कहा कि अनपढ़ मोदी सरकार की खराब नीतियों का खामियाजा देश की जनता भुगत रही है। मोदी सरकार देशवासियों से 18 करोड़ नौकरियां देने का वादा करके सत्ता में आई थी, लेकिन वो आज नौकरियां छीनने में लगी हुई है। उन्होंने दो जुलाई को प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि देश की सेना में कैप्टन और मेजर की नियुक्तियों में भारी कमी है। रेलवे में करीब 3.5 लाख पद खाली पड़े हैं। ऐसा ही हाल दिल्ली में भी है। दिल्ली में 15,535 पुलिकर्मियों की कमी है। यह अनपढ़ और निकम्मी सरकार नौकरियां देना तो दूर, अब नौकरियां छीनने पर उतारू हो गई है।

उन्होंने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार ने 5 जुलाई को दिल्ली सरकार में काम कर रहे 437 लोगों की नौकरियां छीन लीं है। इसके लिए उन्होंने 2014 की हाई कोर्ट के एक आदेश को आधार बनाया है। जबकि इस आदेश के बाद 11 मई 2023 को दिल्ली सरकार के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी आ चुका है। दिल्ली सरकार में कार्य करने वाले जिन 437 लोगों को नौकरी से निकाला गया है वह अपनी फील्ड के सक्षम और स्पेशलिस्ट थे। इनकी दिल्ली सरकार के रोजमर्रा के कार्य में भूमिका रहती थी। इन्हें नौकरी से निकालने के बाद क्या अब एलजी इनका काम करेंगे?

“आप” की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि पहले भी भाजपा सरकार ने हमें डराने के लिए सीबीआई-ईडी का सहारा लिया, मगर हम नहीं डरे। फिर इन्होंने दिल्ली में ऑपरेशन लोटस का इस्तेमाल किया, लेकिन हमलोग नहीं बिके। फिर इन्होंने सर्विसेज के मामले में लगातार दखलअंदाजी की और जब आठ साल की लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले से दिल्ली सरकार को सर्विसेज पर अधिकार मिला तो केंद्र सरकार ने आठ दिन में एक गैर-संवैधानिक अध्यादेश लाकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को पलट दिया। अब अध्यादेश का मामला भी सुप्रीम कोर्ट में अटका हुआ है। ऐसे में आम आदमी पार्टी भाजपा सरकार से यह पूछना चाहती है कि इन्हें यह करने की इतनी जल्दी क्या थी? आखिर एलजी दिल्ली के लोगों से इतनी नफरत क्यों करते हैं और उनके काम को ठप करने का प्रयास क्यों करते रहते हैं।

“आप” की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि अगर इनके गैर-संवैधानिक अध्यादेश ही देख लिया जाए तो यह भविष्य में ही नौकरियां दे देते। मगर जिन लोगों को पहले ही नौकरियां मिल चुकी हैं, उस पर ये 2014 के हाईकोर्ट आदेश को आधार बनाकर इनकी नौकरियां कैसे छीन सकते हैं? अब दिल्ली सरकार इस मामले को सुप्रीम कोर्ट लेकर जाएगी और निश्चित तौर पर जीतेगी। मगर एक सवाल यह भी उठता है कि क्या चुनी हुई सरकार का काम अब सिर्फ यही रह गया है कि वो रोजाना कोर्ट के चक्कर लगाती रहे या फिर जनता के हित में कार्य करे। वहीं आज एलजी का मतलब लॉट ऑफ ग्रज यानी ईर्ष्या से भरा व्यक्ति हो गया है। उनके अंदर दिल्ली के लोगों के प्रति बहुत नफरत है। चाहे दिल्ली के लोगों के लिए डोर-स्टेप डिलीवरी हो या योगा क्लासेस, एलजी हर फाइल को लेकर महीनों तक बैठ जाते हैं और दिल्लीवालों के लिए शुरू की गई हर चीज को बंद कर देते हैं।

“आप” की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि इसी वजह से दिल्ली की जनता ने भाजपा को तीन बार विधानसभा चुनाव में हराया है। बदले की भावना वाली राजनीति के कारण भाजपा को एमसीडी चुनाव में भी हार मिली। अब 2024 के चुनाव में भी दिल्लीवाले भाजपा को बाहर का रास्ता दिखाएंगे। हम एलजी को यह भी बताना चाहते हैं कि जितनी आप दिल्ली की जनता से नफरत करते हैं, उससे कहीं ज्यादा अरविंद केजरीवाल दिल्ली से मोहब्बत करते हैं। एलजी जितना मर्जी प्रयास कर लें वो न तो अरविंद केजरीवाल को रोक पाएंगे और न ही “आप” को तोड़ पाएंगे। हमारा एलजी को सुझाव है कि उन्हें विकासशील काम करने की दिशा में मेहनत करनी चाहिए और दिल्ली की जनता को परेशान करना बंद कर देना चाहिए।

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