4.5 एकड़ क्षेत्र में फैले इस उद्यान में विविधता से भरपूर विशेषताएं और आकर्षण शामिल हैं, जो हमारे समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करते हैं।
कलाकृतियों को बनाने का कार्य लगभग 250 टन स्क्रैप द्वारा 10 कलाकारों ने 700 कारीगरों के साथ मिलकर मात्र 06 महीने में पूरा किया।
भारत का गौरवशाली इतिहास “शहीदी पार्क” में कलाकृतियों के माध्यम से किया गया है प्रदर्शित।
दिल्ली के माननीय उपराज्यपाल, श्री विनय कुमार सक्सेना व दिल्ली के माननीय मुख्यमंत्री, श्री अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली नगर निगम द्वारा विकसित शहीदी पार्क का उद्घाटन आईटीओ पर किया। शहीदी पार्क दिल्ली नगर निगम द्वारा विकसित भारत का प्रथम बाह्य संग्रहालय उद्यान है।
इस अवसर पर दिल्ली की महापौर डॉ. शैली ओबेरॉय, उप महापौर, श्री आले मोहम्मद इकबाल, नेता सदन, श्री मुकेश गोयल, विधायक, श्री प्रवीण कुमार, क्षेत्रीय पार्षद, सुश्री सारिका चौधरी, दिल्ली नगर निगम के आयुक्त, श्री ज्ञानेश भारती व अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
इस अवसर पर दिल्ली के माननीय उपराज्यपाल, श्री विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि यहां पर आकर मैं खुद को गौरवांवित महसूस कर रहा हूं।
“आजादी का अमृत महोत्सव पार्क” दिल्ली में एक नए स्थायी संपत्ति के रूप में आज हमारे सामने है।
इस मौके पर उन्होंने भारत सरकार का धन्यवाद किया, जिनके द्वारा प्रदत्त 15 करोड़ रुपयों से इस पार्क का निर्माण और विकास किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार लगातार दिल्ली के कायाकल्प और विकास के लिए हर संभव सहायता प्रदान करती रही है।
यूईआर हो, दिल्ली के रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास या कड़कड़डूमा टीओडी परियोजना , ये सभी दिल्ली के लोगों के लिए अभूतपूर्व विकास के अवसर प्रदान करेंगे।
इसी तरह द्वारका में डीडीए द्वारा 560 करोड़ की लागत से भारत वंदना पार्क विकसित किया जा रहा है जो राजधानी को एक नया स्वरूप देगा।
उन्होंने बताया कि शहीदी पार्क की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह पार्क 250 टन कबाड़ से तैयार किया गया एक थीम बेस्ड पार्क है। और दिल्ली में इस तरह का यह तीसरा पार्क है। दिल्ली के यह तीनों पार्क अलग-अलग थीम पर हैं। जैसे वेस्ट टू वंडर पार्क में जहां आपको दुनिया के सात अजूबे दिखाई देंगे, वहीं भारत दर्शन पार्क में देश के चुनिंदा स्मारकों और इनके बारे में रोचक जानकारी मिलेगी। एमसीडी ने इस शहीदी पार्क को बनाने में लोहे का खराब सामान, बिजली के पुराने खंभे, पुरानी कारें, ऑटो मोबाइल पार्ट्स का इस्तेमाल किया है, जिन्हें हम बेकार समझ कर फेंक देते हैं।
एमसीडी ने वेस्ट टू वंडर का जो नायाब तरीका देश के सामने रखा है, उससे हम सभी को सीखने की जरूरत है।इस तरह के पार्कों के जरिए दिल्ली को जो स्थायी संपत्ति मिल रही हैं, वह दिल्ली की खूबसूरती में चार चांद लगा रही हैं। एमसीडी जल्द ही पूर्वी दिल्ली में भी इसी तरह का थीम बेस्ड पार्क बनाने की दिशा में प्रयास कर रही है, जो बॉलिवुड आधारित होगा। शहीदी पार्क में देश के स्वर्णिम युग की भी एक झलक देखने को मिलेगी। यहां आकर हमको अपने भारतीय होने और भारत की स्वर्णिम विरासत पर गर्व होता है। इसमें आपको राजा पोरस, चाणक्य-चंद्रगुप्त, सम्राट अशोक से लेकर मिहिर भोज और राजेंद्र चोल तक की मूर्तियां यहां मौजूद हैं। यह वह दौर था जब हमारे देश की गिनती विश्व के सर्वश्रेष्ठ देश के रूप में होती थी। उस दौर में हम न केवल वैभव और संपन्नता में, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी अन्य देशों से अग्रणी थे। हमारे स्वर्णिम युग का जिक्र विश्व के कई इतिहासकारों ने अपनी किताबों में भी किया है। इसके अलावा 1282 से 1763 के दौर में आपको महाराणा हमीर देव, राणा कुंभा, पृथ्वीराज चौहान आदि महान सपूतों के बारे में जानकारी यहां उपलब्ध है। इसके बाद के कालखंड में मराठा साम्राज्य के वीर शिवाजी से लेकर महादजी सिंधिया और सिख साम्राज्य के बंदा बहादुर से लेकर हरि सिंह नलवा तक के बारे में आपको पता चलेगा।
यह पार्क देश की आजादी के लिए हुए 1857 के पहले विद्रोह, जन आंदोलन, स्वतंत्रता संग्राम, संस्कृति और समाजिक जागरुकता, स्वदेशी आंदोलन और सत्याग्रह, भारत की आजादी और विभिन्न रियासतों के एकीकरण की कहानी को बयां कर रहा है। इस पार्क में इन सभी घटनाक्रमों को बड़ी ही खूबसूरती से दिखाया गया है। इसमें दुकानें और फूड कियोस्क भी हैं।
उन्होंने बताया की सितंबर में जी-20 सम्मेलन दिल्ली में होने वाला है और जो विदेशी अतिथी इस दौरान दिल्ली में आएंगे उन्हें भी इसकी झलक देखने को मिलेगी। उन्होंने अधिक से अधिक लोग इस पार्क को देखने आने का आग्रह किया।
दिल्ली के माननीय मुख्यमंत्री, श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा यह अद्भुत पार्क है। मैं इस शानदार पहल के लिए दिल्ली नगर निगम के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई देता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा माननीय उप राज्यपाल ने इस शानदार पार्क की आधारशिला रखी थी और करीब एक साल के भीतर ही इस पार्क को तैयार कर लिया गया। इस पार्क में देश की संस्कृति, इतिहास को जिस प्रकार से दिखाया गया है, वह बेहद शानदार और प्रेरक है। श्री केजरीवाल ने कहा जिस प्रकार चंडीगढ़ जाने वाले लोग रॉक गार्डन को अवश्य ही देखते हैं, उसी प्रकार शहीदी पार्क भी दिल्ली को नई पहचान देगा और लोग लाल किला, जामा मस्जिद के साथ-साथ शहीदी पार्क देखने भी आया करेंगे। श्री केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के स्कूलों के बच्चों को राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा देने के लिए इस पार्क में लाया जाएगा और उन्हें निशुल्क ही इसका भ्रमण करवाया जाएगा।
श्री केजरीवाल ने कहा कि निगम के इस प्रयास से निगम का राजस्व भी बढ़ेगा और बच्चों में देशभक्ति की भावना का संचार भी होगा। श्री केजरीवाल ने कहा दिल्ली नगर निगम को अब शहर की सफाई पर और भ्रष्टाचार खत्म करने पर काम करना है। निगम ने इस दिशा में प्रयास भी शुरू कर दिए हैं और पहली तिमाही में इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम भी मिले हैं। पिछले साल की तिमाही के मुकाबले इस साल निगम का राजस्व बढ़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि निगम ऐसी बहुत सारी परियोजना रहा है जिससे निगम का राजस्व बढ़ेगा और निगम फंड की कमी की समस्या से बाहर निकलेगा। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य दिल्ली को साफ-सुथरा व सुंदर शहर बनाना है और हम दिल्ली की जनता के साथ मिलकर इस लक्ष्य को अवश्य हासिल करेंगे
महापौर डॉ. शैली ओबेरॉय ने शहीद पार्क के उद्घाटन के अवसर पर सभी निगम अधिकारियों व कारीगरों को बधाई दी। उन्होंने बताया कि इस पार्क को 250 टन कबाड़ के माध्यम से बनाया गया है और यह पार्क भारत के इतिहास को बताने के साथ साथ उसे दर्शाता भी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली ही नहीं पूरे देश के नागरिकों को आकर एक बार इस पार्क को देख कर गर्व की अनुभूति का एहसास करना चाहिए। उन्होंने बताया कि 10वीं सदी से 65000 सालों तक के इतिहास को यहाँ देखा जा सकता है, जहाँ पर सम्राट अशोक, चंद्रगुप्त मौर्य, महाराणा प्रताप, पेशवा से लेकर स्वाधीनता संग्राम तक का इतिहास कलाकृतियों के माध्यम से दर्शाया गया है। उन्होंने बताया कि यह पार्क विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को देश का इतिहास एक अनूठे रूप में समझने में सहायता करेगा।
महापौर ने बताया कि दिल्ली नगर निगम सफ़ाई से लेकर 15, हज़ार पार्कों को सजाने सँवारने का कार्य कर रहा है ताकि दिल्ली के नागरिकों को सर्वश्रेष्ठ सुविधाएँ दी जा सके। उन्होंने बताया कि दिल्ली नगर निगम माननीय मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में दिल्ली को सजाने सँवारने का कार्य कर रही है ताकि नागरिकों को बेहतर शहर के साथ बेहतर सुविधाएँ प्रदान की जा सके।
“शहीदी पार्क”
“शहीदी पार्क” देश की राजधानी में स्थित एक महत्वपूर्ण बाह्य संग्रहालय पार्क है, जो हमारे देश की धरोहर, संस्कृति और मूल्यों को प्रदर्शित करता है। शहीदी पार्क भारत के राष्ट्रीय वीरों को समर्पित है और यह उन प्रसिद्ध व्यक्तित्वों का प्रदर्शन करता है जिन्होंने देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता के लिए विभिन्न कालखंडों में अपनी जान न्यौछावर कर दी। 4.5 एकड़ क्षेत्र में फैले इस पार्क में विविधता से भरपूर विशेषताएं और आकर्षण शामिल हैं, जो हमारे समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करते हैं। इसमें सुंदर रूपण, स्मारक और स्थापनाएं हैं जो महत्वपूर्ण घटनाओं, प्रमुख व्यक्तियों और ऐतिहासिक कालों का प्रतिष्ठान करते हैं जो हमारे देश को आकार देते हैं।इस पार्क को दिल्ली नगर निगम द्वारा “वेस्ट टू आर्ट” पहल के तहत शहीदी पार्क, आईटीओ पर विकसित किया गया है। इसमें नगर निगम द्वारा इकट्ठा किए गए विभिन्न क़बाड़ जैसे पुराने ट्रक, कार, बिजली के खंभे, पाइप, लोहे एंगल और रिक्शा आदि का उपयोग किया गया है। “शहीदी पार्क” में मूर्तियों के माध्यम से भारत के गौरवशाली इतिहास को प्रदर्शित किया गया हैं। यह हमारे राष्ट्र के इतिहास, संस्कृति और प्रगति के एक अटल प्रतीक के रूप में खड़ा है।इस पार्क की एक अद्वितीय विशेषता इसकी शानदार योजना है, जिसमें हमारे राष्ट्र के एकता, विविधता और संघर्ष के तत्व शामिल हैं। हरियाली, अलंकृत उद्यान और सुरक्षित मार्ग संरचना आगंतुकों को शांतिपूर्ण और ध्यानयोग्य वातावरण प्रदान करते हैं,इसके अलावा, यह पार्क एक शैक्षिक केंद्र के रूप में भी कार्य करता है, जो हमारे देश के स्वतंत्रता और प्रगति की यात्रा में मूल्यवान ज्ञान प्रदान करता है। यह आगंतुकों को सक्रिय, जागरूक और मार्गदर्शित भ्रमणों की सुविधा प्रदान करता है, जो सभी आयु के आगंतुकों को राष्ट्रभक्ति और गर्व की भावना को पोषित करता है। ऐतिहासिक और शैक्षिक महत्व के अलावा, पार्क में विभिन्न मनोरंजन सुविधाएं भी हैं। जोकि आगंतुकों को सुखद और आनंददायक अनुभव प्रदान करता है। यह हमारी साझा धरोहर और हमारे पूर्वजों द्वारा दिए गए बलिदान की याद दिलाता है।
कलाकृतियों को 10 दूरदर्शी कलाकारों के साथ 700 कारीगरों ने मिलकर पूरा किया है और ये कार्य मात्र 06 महीने में काम पूरा किया। कलाकृतियों बनाने में लगभग 250 टन स्क्रैप का उपयोग किया गया है। पार्क की सुंदरता बढ़ाने के लिए चंपा, कचनार, फाइकस एसपीपी, सिंगोनियम आदि जैसे लगभग 56 हजार पेड़ और झाड़ियाँ लगाई गई हैं। 4.5 एकड़ का यह पार्क लगभग 15 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है। पार्क में आगंतुकों के लिए स्मृति चिन्ह की दुकान और फ़ूड कियोस्क का प्रावधान है। पार्क में 93 2डी मूर्तियाँ और 20 3डी मूर्तियों सहित 09 सेट और 3 गैलरी विकसित की गई हैं।