दिल्ली भाजपा सचिव बांसुरी स्वराज ने कहा है कि सौरभ भारद्वाज ने जो स्थिति बताई है वह कानून और संवैधानिक प्रावधानों की जानकारी की कमी से बताई है। भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने संवैधानिक पीठ के फैसले दिनांक 11.5.2023 के तहत पैरा 164 (एफ) में स्पष्ट रूप से कहा है कि दिल्ली सरकार की कार्यकारी शक्तियां संसद द्वारा अधिनियमित कानून द्वारा केंद्र सरकार को प्रदत्त शक्तियों के अधीन हैं।
सुप्रीम कोर्ट के इस निष्कर्ष का आधार भारत के संविधान का अनुच्छेद 239 एए है। अनुच्छेद 239 एए (3) भारत की संसद को दिल्ली के लिए कानून बनाने में प्रधानता प्रदान करता है। दिल्ली के लिए संसद द्वारा बनाया गया कानून राज्य सरकार के लिए भी बाध्यकारी है।
यह भारत के संविधान का जनादेश है जो लोगों की इच्छा से उत्पन्न होता है।
मुझे विश्वास है कि भारत का माननीय सर्वोच्च न्यायालय नए कानून को कायम रखेगा।
जहां तक एलजी की कार्यप्रणाली का सवाल है तो मुझे यकीन है कि माननीय एलजी दिल्ली की जनता को आम आदमी पार्टी की झगड़ालू और काम न करने वाली सरकार द्वारा किए जा रहे बहानों से बचाने के लिए अथक प्रयास करेंगे।