*रेल सुरक्षा पीएम मोदी की प्राथमिकता में नहीं: संदीप पाठक
*बूढी हो चुकी हैं रेलवे की पटरियां, अब इनको बदलने की आवश्यकता: आप राष्ट्रीय संगठन महामंत्री डॉ संदीप पाठक
*केंद्र सरकार बताए कि अभी तक कितनी ट्रेनों में सुरक्षा कवच लगाया गया है: आप राज्यसभा सांसद
*रेल नेटवर्क को मैनेज करने में पूरी तरह विफल साबित हुई है केंद सरकार, रेल यात्रा करने से डरने लगे हैं लोग: संदीप पाठक
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री डॉ संदीप पाठक ने बिहार में हुए रेल हादसे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। डॉक्टर संदीप पाठक ने कहा कि बिहार में जो रेल हादसा हुआ है वह काफी दुखद है। पीड़ित परिवारों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं। बताया जा रहा है कि इस रेल हादसे में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है जबकि लगभग 100 लोग घायल हैं। देश में लगातार बढ़ते जा रहे रेल हादसों पर डॉक्टर संदीप पाठक ने कहा कि पिछले 10 सालों में मोदी जी के कार्यकाल में लगभग 10 बड़े रेल हादसे हुए हैं। अगर इन बड़े रेल हादसों को हटा भी दिया जाए तो पिछले चार-पांच सालों में छोटे-छोटे हजारों रेल हादसे हुए हैं।
राज्यसभा सांसद डॉक्टर संदीप पाठक ने आगे कहा कि दुख की बात तो यह है कि केंद्र सरकार का ट्रेन एक्सीडेंट सुरक्षा पर ध्यान ही नहीं है। केंद्र सरकार ने 2014 में बड़े जोर-शोर से रेल सुरक्षा कवच को देश के सामने पेश किया था। अभी तक चुनिंदा ट्रेनों में ही इस सुरक्षा कवच को लगाया गया है। अभी तक लगभग दो फीसदी एरिया ही एंटी कॉलिजन डिवाइस (कवच) में कवर किया गया है। इनको सिर्फ दो फीसदी एरिया कवर करने में ही 9 साल लग गए। अगर इसी तेजी से काम किया गया तो सभी ट्रेनों में एंटी कॉलिजन डिवाइस लगाने में इन्हे 400 से 500 साल लग जाएंगे।
डॉक्टर संदीप पाठक ने आगे कहा कि इन्होंने काफी शोर-शराबे के साथ ही एंटी डीरेलमेंट डिवाइस को पेश किया था लेकिन उसमें कितना काम किया गया अभी तक इसकी कोई जानकारी नहीं है। जब भी ऐसे रेल हादसे होते हैं तो उसकी एक रिपोर्ट बनती है। रेल हादसे का कारण पता करने वाली 60 फीसदी रिपोर्ट तो जमा ही नहीं होती हैं। बाकी जो 40 फ़ीसदी रिपोर्ट जमा की जाती हैं उसमें काफी देरी हो चुकी होती है, जिसके बाद उसका कोई महत्व ही नहीं बचता।
उन्होंने आगे कहा कि CAG की रिपोर्ट से पता चला है कि रेल हादसे का प्राथमिक कारण रेल की कमजोर पटरियां हैं। रेल की पटरियां अब बूढ़ी हो चुकी हैं जिनको बदलने की आवश्यकता है। एंटी कॉलिजन डिवाइस और एंटी डीरेलमेंट डिवाइस लगाने से भी पहले इन कमजोर पटरियों की मरम्मत करने की आवश्यकता है। रेल की पटरियों को बदलना तो दूर केंद्र सरकार इसके लिए जारी किए जाने वाले बजट में भी कटौती करती जा रही है। जो बजट जारी किया भी जाता है उसे भी खर्च नहीं किया जा रहा है इसी वजह से आज रेलवे की यह दुर्दशा है। आज केंद्र सरकार की प्राथमिकता नई ट्रेन और छोटे-मोटे डिब्बे बनाना है।
राज्यसभा सांसद डॉक्टर संदीप पाठक ने आगे कहा कि मोदी सरकार द्वारा ट्रेन की पटरियों जैसी रेलवे की बुनियादी चीजों पर काम नहीं किया जा रहा है। आज रेल की यात्रा करना खतरनाक होता जा रही है। रेलवे प्रधानमंत्री के स्तर का मामला होता है। मोदी जी को इसे अपनी प्राथमिकता बनाना पड़ेगा। केंद्र सरकार को रेल सुरक्षा पर ध्यान देना होगा। क्या केंद्र सरकार की प्राथमिकता बस नई ट्रेन बनाना रह गई है? रेलवे को मिलने वाले सभी फंड को भी उसी तरफ शिफ्ट किया जा रहा है और जो फंड मिलता है उसे खर्च नहीं किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका संज्ञान लेना ही पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा की यह बड़े दुख की बात है कि देश में आए दिन रेल हादसे हो रहे हैं। अब लोगों को रेल यात्रा करने में डर लगने लगा है। आज मोदी सरकार रेल नेटवर्क को मैनेज करने में पूरी तरह विफल हो चुकी।