*मध्याह्न भोजन योजना, सेल्यूलर मोबाइल टावर का अधिकार नीति, जेजे क्लस्टर में पाइप से पानी कनेक्शन, कुशक नाले में पानी की गुणवत्ता में सुधार, उचित सी एंड डी अपशिष्ट निपटान द्वारा वायु गुणवत्ता में सुधार, पीपीपी मॉडल पर शौचालयों के लिए विज्ञापन अधिकार विषयों पर परिषद की मंजूरी।
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) की आज आयोजित परिषद बैठक की अध्यक्षता – पालिका परिषद – अध्यक्ष, श्री अमित यादव ने की।
इस बैठक में उपाध्यक्ष – श्री सतीश उपाध्याय, विधायक और सदस्य – एनडीएमसी, श्री वीरेंद्र सिंह कादियान, परिषद के सदस्य – श्री कुलजीत सिंह चहल, श्रीमती विशाखा शैलानी और श्री गिरीश सचदेवा की उपस्थिति में विभिन्न नागरिक केंद्रित, बुनियादी ढांचे और कर्मचारी कल्याण संबंधी प्रस्तावों पर विचार किया गया और उन्हें मंजूरी भी दी गई।
इनमें से महत्वपूर्ण नागरिक केंद्रित, बुनियादी ढांचे और कर्मचारी कल्याण से संबंधित प्रस्ताव इस प्रकार हैं:-
1. अर्ध-स्वचालित रसोई की स्थापना के लिए गैर सरकारी संगठनों/सिविल सोसायटी संगठनों (सीएसओ)/कैटरर्स/वीओ की भागीदारी के लिए प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) की मंजूरी।
एनडीएमसी ने अगस्त 2003 में मध्याह्न भोजन योजना लागू की और वर्ष 2003-04 में 82 स्कूलों में से 60 स्कूलों को इसमें कवर भी किया गया।
वर्तमान में, मेसर्स अन्नामृता फाउंडेशन, मेसर्स अक्षय पात्र फाउंडेशन और मेसर्स मंजीत कैटरर 44 स्कूलों में ताजा पका हुआ मध्याह्न भोजन की आपूर्ति कर रहे हैं।
परिषद ने अटल आदर्श बंगाली गर्ल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, गोल मार्केट में उपलब्ध स्थान पर अपनी लागत पर एक सेमी-ऑटोमेटेड किचन स्थापित करने के लिए एनजीओ/सीएसओ/कैटरर्स/स्वैच्छिक संगठनों के चयन के लिए एक आरएफपी प्रकाशित करने की मंजूरी दी।
पीएम पोषण योजना के तहत गोल मार्केट क्षेत्र में 06 (छह) एनडीएमसी/नवयुग स्कूलों के 7000-8000 छात्रों के लिए एनडीएमसी द्वारा तय किए गए मेनू के अनुसार, शुरुआत में कुछ समय के लिए ताजा पका हुआ गर्म मध्याह्न भोजन पकाने, आपूर्ति करने और परोसने के लिए पहले तीन साल के लिए मंजूरी दी, जिसे उप-समिति की सिफारिशों के साथ मध्याह्न भोजन आपूर्तिकर्ता के संतोषजनक प्रदर्शन के अधीन 2 साल तक और बढ़ाया जा सकता है।
2. भूमिगत बुनियादी ढांचे और ओवरग्राउंड दूरसंचार बुनियादी ढांचे के लिए एनडीएमसी के अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाले क्षेत्रों के लिए एनडीएमसी राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) नीति को मंजूरी।
एनडीएमसी क्षेत्र में 52 टावरों के 03 समूहों के लिए 156 कम्युनिकेशन सेल्युलर मोबाइल टावर्स ऑन व्हील्स की स्थापना का काम चल रहा है, प्रत्येक समूह में 52 टावरों के लिए मेसर्स रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड को ग्रुप ए और सी के लिए शुरुआत और समापन की निर्धारित तिथि 11.03.2019 से 10.03.2022 तक और ग्रुप बी के लिए मेसर्स इंडस टावर्स लिमिटेड को प्रारंभ और समापन की निर्धारित तिथि 23.03.2019 से 22.03.2022 तक 03 वर्षों की अवधि के लिए काम दिया था। वर्तमान में कुल 156 कम्युनिकेशन सेल्युलर मोबाइल टावर्स ऑन व्हील्स की तुलना में बाधा स्थलों के कारण 148 कम्युनिकेशन सेल्युलर मोबाइल टावर्स ऑन व्हील्स अस्तित्व में हैं।
एनडीएमसी अब दिल्ली सरकार द्वारा जारी आरओडब्ल्यू नीति को अपनाएगी। अधिनियम द्वारा एनडीएमसी को अपने अधिकार क्षेत्र में नीति तैयार करने का अधिकार दिया गया है। टावर/सेल साइट/सीओडब्ल्यू के लिए प्रति वर्ग फुट दरें बहुत अधिक हैं क्योंकि यह रु. 2.91 लाख प्रति टावर प्रति माह तक जाती है।
एनडीएमसी शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप निर्धारित शुल्क वसूलती है।
परिषद ने भूमिगत बुनियादी ढांचे और जमीनी दूरसंचार बुनियादी ढांचे के लिए एनडीएमसी के अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाले क्षेत्रों के लिए “एनडीएमसी राइट ऑफ वे नीति” के मसौदे को मंजूरी दे दी। अध्यक्ष समय-समय पर वर्तमान परिदृश्य के अनुरूप नीति के कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देश जारी कर सकते है।
3. एनडीएमसी क्षेत्र में जल आपूर्ति हेतु जेजे क्लस्टर और शेष अनधिकृत कॉलोनियों में व्यक्तिगत पाइप जल कनेक्शन।
30.03.2022 को आयोजित परिषद की बैठक के दौरान जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल योजना के लिए एक विस्तृत मामला तैयार करने के लिए परिषद द्वारा सैद्धांतिक मंजूरी दी थी।
जल शक्ति मंत्रालय की जल जीवन योजना के तहत एनडीएमसी क्षेत्र में जेजे क्लस्टर के प्रत्येक घर को व्यक्तिगत जल कनेक्शन प्रदान करने के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया गया।
अमृत 2.0 योजना के तहत परिषद ने जेजे क्लस्टर और शेष अनधिकृत कॉलोनियों में व्यक्तिगत पाइप जल कनेक्शन के कार्य के लिए 12.73 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति और व्यय मंजूरी प्रदान की है।
परिषद ने इसके साथ-साथ विस्तृत अनुमान के समय कार्य को भाग-ए, बी और सी में विभाजित करने और निविदा बुलाने की अनुमति भी दी।
4. एनडीएमसी क्षेत्र में जल आपूर्ति प्रणाली का सुदृढ़ीकरण।
एनडीएमसी क्षेत्र में उपभोक्ता कनेक्शन लाइन में जल के खराब मीटर/अनंतिम बिलिंग के स्थान पर जल के नए मीटर उपलब्ध कराना और लगाना का मामला वाणिज्यिक विभाग द्वारा प्रदान की गई सूची के अनुसार लगभग 5500 मीटर के सभी पानी के खराब मीटरों को बदलने से संबंधित रहा।
पानी के मीटरों के खराब मीटर के स्थान पर नए स्मार्ट पानी उपलब्ध कराने के कार्य हेतु 14.10 करोड़ की राशि के लिए प्रशासनिक और व्यय की मंजूरी दी गई ।
5. एनडीएमसी क्षेत्र में पुरानी सीवर लाइन का पुनर्वास।
जीआरपी स्ट्रक्चरल लाइनिंग विधि द्वारा सी-हेक्सागन से जाकिर हुसैन मार्ग, गोल्फ कोर्स, सुब्रमण्यम भारती मार्ग के माध्यम से लोधी रोड तक 2100 मिमी व्यास वाले एनपी-2 क्लास आरसीसी पाइप के पुराने सीवर ट्विन बैरल की डी-सिल्टिंग और पुनर्वास कार्य हेतु।
परिषद ने क्षेत्र में पुरानी सीवर लाइन के लिए 148.66 करोड़ रुपये की संशोधित प्रशासनिक और व्यय स्वीकृति (प्रारंभिक अनुमान) को मंजूरी दी।
6. ब्रिगेडियर होशियार सिंह मार्ग पर कुशक नाले से ऑरबिंदो मार्ग तक पुरानी सीवर लाइनों का पुनर्वास।
पुरानी सीवर लाइनों के पुनर्वास के लिए प्री-एंड पोस्ट कंसल्टेंसी सेवाओं का काम मेसर्स टीटीआई कंसल्टिंग इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा गया है। इसके अनुसार सलाहकार द्वारा उपरोक्त सीवर लाइन के पुनर्वास के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, जिसमें सीवर लाइन की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए, भविष्य में स्थितियों से बचने के लिए सीवर लाइन का पुनर्वास करना अनिवार्य हो जाता है।
परिषद ने न्यूनतम पेशकश को स्वीकार करने का निर्णय लेते हुए, जो 14.37 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 1.83% अधिक है को मंजूरी दी।
7. कुशक नाले में पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिए विकेन्द्रीकृत अपशिष्ट जल उपचार (एसटीपी) समाधान का कार्यान्वयन।
नई दिल्ली में एस.पी. मार्ग से कमाल अतातुर्क मार्ग, तक कुशक नाला (खुले नाले) में पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिए विकेन्द्रीकृत अपशिष्ट जल उपचार समाधान(एसटीपी) का कार्यान्वयन करने के लिए परिषद ने नामांकन के आधार पर काम सी-गंगा, आईआईटी-कानपुर को सौंपने का निर्णय लिया।
8. एनडीएमसी क्षेत्र से निर्माण और तोड़फोड़ (सी एंड डी) कचरे का संग्रहण, परिवहन और डंपिंग।
एक नगर निकाय होने के नाते एनडीएमसी निर्माण और तोड़ फोड़ के कचरे को हटाने के लिए जिम्मेदार है।
इसमें वे सभी सामग्रियां शामिल हैं, जो किसी भी नागरिक संरचना के निर्माण या मरम्मत या री-मॉडलिंग या गिराने (डिकंस्ट्रक्शन और डीकमिशनिंग सहित) के दौरान अपशिष्ट के रूप में उत्पन्न होती हैं।
एनडीएमसी क्षेत्र में 5 वर्ष की अवधि तथा 2 वर्षों तक बढ़ी हुई अवधि हेतु परिषद् क्षेत्र के निर्माण और गिराने तोड़फोड़ (सीएंडडी) कचरे के संग्रहण, परिवहन और डपिंग के लिए रुपये 52.79 करोड़ की राशि के प्रारंभिक अनुमान के प्रशासनिक अनुमोदन एवम् व्यय की परिषद् बैठक में स्वीकृति दी गई ।
9. पीपीपी मॉडल पर एनडीएमसी क्षेत्र में विज्ञापन अधिकारों के बदले मौजूदा पीटीयू/सीटीयू/रोल कॉल सेंटरों का संचालन, मरम्मत और रखरखाव।
भारत सरकार द्वारा 2014 में शुरू किया गया स्वच्छ भारत मिशन एक राष्ट्रव्यापी साफ सफाई स्वच्छता और स्वच्छता अभियान है, जिसका उद्देश्य स्वच्छ भारत के लक्ष्य को प्राप्त करना है।
तब से यह मिशन देश भर में स्वच्छता बनाए रखने के लिये विकसित हुआ और स्वच्छता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जारी है।
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) अपने अधिकार क्षेत्र में स्वच्छ भारत मिशन को लागू करने के लिए जिम्मेदार स्थानीय शासी निकायों में से एक है।
परिषद ने निर्णय लिया है कि :-
1. “पीपीपी मॉडल पर एनडीएमसी क्षेत्र में विज्ञापन अधिकारों के बदले मौजूदा पीटीयू सीटीयू/रोल कॉलसेंटरों के संचालन, मरम्मत और रखरखाव” के कार्य के लिए आरएफपी आमंत्रित करना, जिसमें173 पीटीयू सोटीयू और 17 रोल कॉल सेंटर शामिल हैं।
2. विभाग वर्तमान में एक आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से इन पीटीयू सीटीयू के संचालन और रखरखाव का प्रबंधन कर रहा है और उपरोक्त कार्य सौंपे जाने तक इस पर व्यय जारी रहेगा।
10. डेंटल केयर क्लिनिक, धरम मार्ग के लिए अतिरिक्त पांच (05) सीनियर रेजिडेंट और चार (4) जूनियर रेजिडेंट पद का सृजन।
डेंटल केयर सेंटर – धरम मार्ग, नई दिल्ली में मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण, केंद्र में डॉक्टरों की संख्या आनुपातिक रूप से बढ़ाने की जरूरत है, ताकि इस क्लिनिक में मानक और जरूरत के अनुसार दंत चिकित्सा देखभाल प्रदान की जाती रहे।
अब तक, डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों के लिए प्रतीक्षा अवधि बढ़ती जा रही है, जिससे आने वाले मरीजों के बीच अक्सर टाले जा सकने वाले झगड़े, शिकायतें और असंतोष होता है।
परिषद ने डेंटल केयर क्लिनिक, धरम मार्ग के लिए अतिरिक्त पांच (05) सीनियर रेजिडेंट्स और चार (4) जूनियर रेजिडेंट्स पदों के सृजन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।