दिल्ली पर्यटन विभाग ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के साथ मिलकर छोटे बच्चों के लिए 10 दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया

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*इस 10 दिवसीय वर्कशाप में लगभग 175 छोटे-छोटे बच्चों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की

*इस प्रकार के कार्यक्रमों से छोटे बच्चों को अपना भविष्य तय करने के लिए एक नई दिशा मिलेगी : सौरभ भारद्वाज

*सबसे अच्छी बात यह रही की सुधार गृह से भी इस कार्यक्रम में कुछ बच्चे शामिल हुए : सौरभ भारद्वाज

*मुझे उम्मीद है यह बच्चे आगे चलकर बड़े प्रतिभाशाली कलाकार बनेंगे और दिल्ली सरकार को याद करेंगे : सौरभ भारद्वाज

*नाट्य मंचों के माध्यम से जो ड्रामा दिखाए जाते हैं वह आम आदमी की असल समस्याओं को प्रदर्शित करते हैं : सौरभ भारद्वाज

*हमारी कोशिश रहेगी कि भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए : सौरभ भारद्वाज

दिल्ली सरकार के पर्यटन विभाग ने नेशनल स्कूल आफ ड्रामा के साथ मिलकर छोटे बच्चों के लिए एक 10 दिवसीय वर्कशॉप (कार्यशाला) का आयोजन किया I यह वर्कशॉप 22 जून से शुरू होकर 1 जुलाई 2024 तक चली I वर्कशॉप में लगभग 175 बच्चों ने भाग लिया, जिनमें कुछ बच्चे सुधार ग्रह से भी शामिल रहे I इस 10 दिवसीय वर्कशाप के समापन पर मंडी हाउस स्थित अभिमंचन ऑडिटोरियम में एक कार्यक्रम का आयोजन रखा गया, जिसमें सभी बच्चों ने बीते 10 दिनों में वर्कशॉप के दौरान सीखी कलाओं के माध्यम से अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन किया I पर्यटन विभाग के माननीय मंत्री सौरभ भारद्वाज कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे I कार्यक्रम में पर्यटन विभाग की एमडी निहारिका राय एवं अन्य अधिकारी गण भी उपस्थित रहे I मंत्री सौरभ भारद्वाज ने, मंच पर अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कार से सम्मानित किया I

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मैं ऐसे बहुत सारे कलाकारों को जानता हूं जो अपने गांव से दिल्ली कला सीखने की चाह में आए, परंतु उन्हें नेशनल स्कूल आफ ड्रामा में दाखिला नहीं मिल सका I कई बार कोशिश करने के बावजूद भी उन्हें नेशनल स्कूल आफ ड्रामा में दाखिला नहीं मिला I परंतु उन्होंने नेशनल स्कूल आफ ड्रामा में अपना आना-जाना रखा और मात्र आने-जाने के माध्यम से ही उनमें प्रतिभाओं का वह स्तर पैदा हुआ, कि आज वह फिल्म जगत में बड़े कलाकारों के रूप में जाने जाते हैं I उन्होंने कहा कि यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है, कि दिल्ली सरकार का पर्यटन विभाग नेशनल स्कूल आफ ड्रामा के साथ मिलकर छोटे-छोटे बच्चों के लिए ऐसी वर्कशॉप का आयोजन कर पा रहा है और इन छोटे-छोटे बच्चों को अपनी प्रतिभाओं को निखारने का और इतने बड़े मंच पर अपनी कला को प्रदर्शित करने का मौका मिल पा रहा है I मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज यह जो बच्चे इस मंच पर खड़े हैं, मुझे पूरी उम्मीद है, कि यह सभी बच्चे नेशनल स्कूल आफ ड्रामा के मंच से अच्छी कला, अच्छी प्रतिमाएं अपने अंदर लेकर जाएंगे और आगे चलकर बड़े कलाकार बनेंगे और फिल्म जगत में अपना नाम करेंगे और जिस दिन यह बच्चे मशहूर कलाकार बनेंगे तो दिल्ली सरकार के इस सहयोग को भी याद करेंगे I

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आजकल की फिल्में हमारे समाज की उन मूल समस्याओं को नहीं दिखाती है जो हमारे समाज में वर्तमान में विद्यमान है I परंतु इस प्रकार के मंचों के माध्यम से जो कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, यह कार्यक्रम एक आम नागरिक के जीवन से जुड़ी समस्याओं को आज के समय में बेहद ही नजदीकी से और बारीकी से प्रदर्शित करते हैं I उन्होंने कहा कि यह बेहद जरूरी है, कि हमारा समाज आर्ट, कल्चर, ड्रामा और प्लेज आदि से जुडा रहे I मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मंच के माध्यम से उन सभी अभिभावकों का भी धन्यवाद किया जिन्होंने दिल्ली सरकार पर और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा पर भरोसा रखकर अपने बच्चों को इस 10 दिवसीय वर्कशाप में भागीदारी लेने के लिए भेजा I उन्होंने कहा कि इस पूरे कार्यक्रम में सबसे अच्छी बात यह रही कि इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले बच्चों में कुछ बच्चे बाल सुधार गृह से भी शामिल हुए I उन्होंने कहा कि पिछले 10 दिनों में इन सभी 175 बच्चों ने यहां जो कुछ भी सीखा उससे इनको अपने जीवन में एक दिशा तो जरूर मिली होगी, कि भविष्य में यह बच्चे क्या करना चाहते हैं I

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा की 10 दिनों की इस वर्कशॉप में इन छोटे बच्चों ने नेशनल स्कूल आफ ड्रामा से बहुत कुछ सीखा है I आज जो मंच पर बच्चों ने अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन किया, उसको देखकर यह प्रतीत होता है, कि बच्चों को बहुत अच्छी तरीके से प्रशिक्षण दिया गया इसके लिए मैं नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा को धन्यवाद देता हूं I उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी, कि भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए और अधिक से अधिक बच्चों को इसमें जोड़ा जाए और उनके भविष्य के लिए उन्हें एक अच्छी और बेहतर दिशा प्रदान की जाए I

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