- जनकपुरी के डेसु कॉलोनी में बना यह एक्सीलेंस स्कूल सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस है और यहां इसी वर्ष से छात्र दाखिला ले सकेंगे
- बच्चों की प्रतिभा उभारने के लिए अलग-अलग स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस स्कूल बनाए जा रहे हैं, यहां इंजीनियरिंग, मेडिकल, आईटी व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई होगी- अरविंद केजरीवाल
- भारत के इतिहास में आजतक इतना शानदार स्कूल नहीं बना था, आज दिल्ली के सरकारी स्कूल देश के लिए बेंचमार्क बनते जा रहे हैं- अरविंद केजरीवाल
- प्राइवेट स्कूलों की बिल्डिंग भी इतनी अच्छी नहीं होगी, जितनी अच्छी बिल्डिंग दिल्ली के सरकारी स्कूलों की है- अरविंद केजरीवाल
- हमारे एक्सीलेंस स्कूलों की 4400 सीटों पर दाखिला के लिए 96 हजार आवेदन आए हैं, इतने आवेदन तो आईआईटी-मेडिकल के लिए भी नहीं आते- अरविंद केजरीवाल
- मुझे खुशी है कि जो शिक्षा मुझे और मेरे बच्चों को मिली, आज हम उससे अच्छी शिक्षा दिल्ली के बच्चों को दे पा रहे हैं- अरविंद केजीवाल
- पहले पैरेंट्स बच्चों को सरकारी स्कूल में भेजना ही नहीं चाहते थे और आज एक्सीलेंस स्कूलों की 4400 सीटों के लिए 96 हजार आवेदन आए हैं- अरविंद केजरीवाल
- भारत को दुनिया का नंबर-1 देश बनाने के लिए हमें सभी बच्चों को एक समान और अच्छी शिक्षा देनी पड़ेगी- अरविंद केजरीवाल
- हमने भू-माफियाओं के कब्जे से स्कूल की जमीन को छुड़वाया और सुनिश्चित किया कि स्कूल की जमीन पर स्कूल ही बने- मनीष सिसोदिया
- यहां डॉ. बी.आर. अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस बनेगा और 1600 बच्चे प्राइवेट स्कूलों से भी अच्छी शिक्षा प्राप्त करेंगे- मनीष सिसोदिया
- सीएम अरविंद केजरीवाल ने जनकपुरी के डेसु कॉलोनी में नवनिर्मित स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस का किया उद्घाटन
सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के बच्चों की प्रतिभा उभारने के लिए आज एक और स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस दिल्लीवालों को समर्पित किया। यह स्कूल जनकपुरी के डेसु कॉलोनी में बना है, जहां इसी वर्ष से छात्र दाखिला ले सकेंगे। एक्सीलेंस स्कूल का उद्घाटन करने के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बच्चों की प्रतिभा उभारने के लिए अलग-अलग स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस बनाए जा रहे हैं। इस स्कूल में इंजीनियरिंग, मेडिकल, आईटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई होगी। भारत के इतिहास में आजतक इतना शानदार स्कूल नहीं बना था। आज दिल्ली के सरकारी स्कूल देश के लिए बेंचमार्क बनते जा रहे हैं। प्राइवेट स्कूलों की बिल्डिंग भी इतनी अच्छी नहीं होगी, जितनी अच्छी बिल्डिंग दिल्ली के सरकारी स्कूलों की है। हमारे एक्सीलेंस स्कूलों की 4400 सीटों पर दाखिला के लिए 96 हजार आवेदन आए हैं। इतने आवेदन तो आईआईटी-मेडिकल के लिए भी नहीं आते हैं। मुझे खुशी है कि जो शिक्षा मुझे और मेरे बच्चों को मिली, आज हम उससे अच्छी शिक्षा दिल्ली के बच्चों को दे पा रहे हैं। वहीं, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि यहां डॉ. बी.आर. अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस बनेगा और 1600 बच्चे प्राइवेट स्कूलों से भी अच्छी शिक्षा प्राप्त करेंगे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज जनकपुरी स्थित डेसु कॉलोनी में ड्रॉ. बी.आर. अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस के तहत नवनिर्मित स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस स्कूल का उद्घाटन किया। स्कूल के गेट पर एनसीसी बैंड ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने नाम पट्टिका का अनावरण किया और उन्होंने ग्राउंड फ्लोर पर बने नए क्लास रूम व लाइब्रेरी को देखा। सीएम ने एक-एक क्लास रूम के अंदर जाकर वहां उपलब्ध सुविधाओं को देखा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने फर्स्ट फ्लोर पर बने लैब को देखा। फिर वे द्वितीय तल पर पहुंचे और वहां बने स्टाफ रूम और ऑडिटोरियम को देखा। इस अवसर पर डिप्टी सीएम एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, स्थानीय विधायक राजेश ऋषि, सेक्रेटरी (शिक्षा) अशोक कुमार, डायरेक्टर (शिक्षा) हिमांशु गुप्ता समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
पहले कहा जाता था कि सरकार, सरकारी स्कूल नहीं चला सकती, अब हवा उल्टी बहने लगी है कि सरकारी स्कूल, प्राइवेट से ज्यादा अच्छे हैं- अरविंद केजरीवाल
स्कूल के उद्घाटन अवसर पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज इस स्कूल में आकर बहुत अच्छा लगा। स्कूल बहुत ही शानदार है। मुझे नहीं लगता है कि भारत के इतिहास में इससे पहले इतना शानदार सरकारी स्कूल हमारे देश में कहीं भी बनाया गया हो। शायद 75 साल में पहली बार सरकारी स्कूल इतना शानदार बनाया गया है। दिल्ली में जिस तरह से सरकारी स्कूलों का कायाकल्प हो रहा है, वो पूरे देश के लिए एक बेंच मार्क बनता जा रहा है। पूरे देश में धीरे-धीरे हवा ये बहने लगी थी कि सरकारी स्कूल तो सरकार चला नहीं सकती है, सरकारी स्कूल बेकार हैं। सरकारी स्कूलों को प्राइवेट को दे देने चाहिए। दिल्ली में जब हमारी सरकार बनी थी, तब भी ऐसी ही बातें होती थीं। लेकिन अब ये हवा पूरी तरह से उल्टी बहने लगी है कि सरकारी स्कूल, प्राइवेट से ज्यादा अच्छे हैं।
बच्चों की प्रतिभा को उभारने के लिए अलग-अलग सब्जेक्ट पर स्पेशलाइज्ड स्कूल बनाए जा रहे हैं- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस स्कूल है। दिल्ली में एक नई कांसेप्ट शुरू किया गया है, जहां स्पेशल टॉपिक पर पढाई होगी। भगवान ने हर बच्चे कुछ न कुछ स्पेशल बनाया है। कोई मैथ, कोई केमेस्ट्री, तो कोई खेल में अच्छा होता है। अलग-अलग बच्चों की प्रतिभा को उभारने के लिए अलग-अलग सब्जेक्ट के उपर स्पेशलाइज्ड स्कूल बनाए जा रहे हैं। इस स्कूल में इंजीनियरिंग, मेडिकल, ह्यूमैनिटीज और 21वीं सदी की हाई इंड स्कील्स (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आईईटी, कम्यूटर) की पढ़़ाई कराई जाएगी। इन क्षेत्रों में जिन बच्चों की रूचि है, वो बच्चे यहां पर दाखिला लेंगे। 8वीं कक्षा के बाद यानि 9वीं में दाखिला होगा। यहां 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं की कक्षाएं चलेंगी। पूरे दिल्ली में स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस के 30 से ज्यादा स्कूल हैं। उनमें इस बार 4400 सीटों पर बच्चों को दाखिला लेना है। 4400 सीटों के लिए करीब 96 हजार आवेदन आए हैं। इतने आवेदन तो आईआईटी और डॉक्टरी की सीटों के लिए नहीं आते हैं, जितनी आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों में एडमिशन के लिए आते हैं।
अब दिल्ली के सरकारी स्कूल की बिल्डिंग प्राइवेट स्कूलों से अच्छी हो गई है और शानदार नतीजे आने लगे हैं- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक जमाना ऐसा था, जब सरकारी स्कूलों में कोई एडमिशन नहीं लेना चाहता था। मुझे याद है कि मैं और मनीष जी राजनीति में आने से पहले परिवर्तन नाम की एक एनजीओ में काम करते थे। हम झुग्गी बस्तियों में काम करते थे। गरीबों के राशन, स्कूलों और अस्पतालों के मुद्दों पर काम करते थे। जब हम सरकारी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में जाते थे, तो वहां बहुत ही बुरा हाल होता था। सुबह बच्चे स्कूल आते थे, थोड़ी देर खेलते थे और फिर चले जाते थे। स्कूल में कोई पढ़ाने वाला नहीं था। जब उनके माता-पिता से बात करते थे, वो भी अपने बच्चे को स्कूल से निकाल लेते थे। माता-पिता भी सोचते थे कि जब स्कूल में पढ़ाई ही नहीं हो रही है, तो बच्चे को स्कूल भेज कर टाइम खराब करने से क्या फायदा है। उस बच्चे को फिर काम में लगा देते थे कि घर में कुछ पैसे तो आएंगे। लेकिन अब दिल्ली के सरकारी स्कूलों में स्थिति बदल चुकी है। अब सरकारी स्कूल बहुत ही शानदार बन गए हैं। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई होने लगी है। सरकारी स्कूलों के नतीजे शानदार आने लगे हैं। सरकारी स्कूलों की बिल्डिंग्स प्राइवेट स्कूलों से ज्यादा अच्छी हो गई हैं। आज मैं चुनौती के साथ कह सकता हूं कि दिल्ली के किसी भी प्राइवेट स्कूल की बिल्डिंग इतनी शानदार नहीं है, जितनी इस स्कूल की बिल्डिंग है।
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अच्छे माहौल के साथ ही शानदार सुविधाएं भी दी जा रही है- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पहले एक माहौल था कि मां-बाप भी अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में भेजना नहीं चाहते थे। किसी के पास कुछ पैसे बच गए तो वो बगल के किसी प्राइवेट स्कूल में अपने बच्चे का एडमिशन करा देता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब स्थिति यह है कि स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस की 4400 सीटों के लिए 96 हजार आवेदन आए हैं। यह बहुत बड़ी बात है। अब दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अच्छे माहौल के साथ बहुत ही शानदार सुविधाएं दी जा रही है। मैं मूलरूप से हिसार का रहने वाला हूं। हिसार में जो सबसे अच्छा प्राइवेट स्कूल था, मैं वहां पढ़ा था। आज मैं कह सकता हूं कि इस स्कूल के सामने मेरा वाला स्कूल कुछ नहीं था। अब इन स्कूलों में बहुत ही शानदार शिक्षा हमारे बच्चों को मिल रही है। मेरे दोनों ही बच्चे नोएडा के डीपीएस में पढ़े हैं। मैं आज कह सकता हूं कि यह स्कूल डीपीएस नोएडा से भी ज्यादा अच्छा है। जो शिक्षा मुझे और मेरे बच्चों को मिली, आज हम उससे अच्छी शिक्षा अपने गरीबों के बच्चों को दे पा रहे हैं। मैं समझता हूं कि हमारा राजनीति में आने का मकसद सफल हो गया।
अगर हमने अपने सभी बच्चों को अच्छी शिक्षा दे दी, तो हमारे देश को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पहले स्कूलों का बहुत बुरा हाल था। बच्चों का न तो पढ़ने का मन करता था और न टीचर्स का पढ़ाने का मन करता था। लेकिन अब इतनी शानदार सुविधाएं हैं कि बच्चों का भी मन पढ़ने का करता है और टीचर्स का भी मन पढ़ाने का करता है। मेरा अपना यह मानना है कि अगर हमें अपने भारत को आगे ले जाना है, भारत को दुनिया का नंबर वन बनाना है, तो अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देनी पड़ेगी। चाहे गरीब या अमीर के घर कोई बच्चा पैदा हो, सबको एक जैसी और अच्छी से अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। मैं समझता हूं कि अगर हमने यह कर दिया, तो हमारे देश को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।
मेरी भी अंग्रेजी इतनी अच्छी नहीं, जितनी अच्छी अंग्रेजी सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे हमारे बच्चे बोल लेते हैं- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे समाज में एक गलत सोच भी बन गई थी। हमारे देश में दो तरह की शिक्षा प्रणाली थी। जिसके पास पैसे हैं, वो अपने बच्चे को प्राइवेट स्कूलों में भेजते थे। जो लोग गरीब हैं, वो अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजते थे। सरकारी स्कूल पढ़ाई के नाम पर जीरो थे। इसलिए गरीब का बच्चा बड़ा होकर मजदूर, रिक्शेवाला बनता था और वो गरीब ही रह जाता था। वहीं, अमीरों के बच्चे बड़े होकर इंजीनियर, डॉक्टर बनते थे। हम राजनीति में आने से पहले सारी सरकारों और राजनीतिक पार्टियों से बात किया करते थे और उनसे कहते थे कि गरीबों के बच्चों को भी अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। तब वो कहते थे कि गरीबों के बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर क्या करेंगे? इनमें बुद्धिमता नहीं है। आज दिल्ली के गरीब बच्चों ने दिखा दिया कि वो किसी से कम नहीं है। वो भी इंजीनियर और डॉक्टर बन सकते हैं। इस बार दिल्ली सरकार के स्कूलों के 400 से ज्यादा बच्चों ने जेई पास किया है। 400 से ज्यादा बच्चों ने नीट क्लीयर किया है। इतने बच्चों को डॉक्टरी और इंजीनियरिंग में एडमिशन हो रहा है। अब हमारे सरकारी स्कूलों के बच्चे बहुत ही फर्राटेदार इंगलिश बोलते हैं कि 12वीं पास करने के बाद मेरी भी इतनी अच्छी अंग्रेजी नहीं थी। आज भी मेरी अंग्रेजी इतनी अच्छी नहीं है, जितनी हमारे बच्चे अच्छी अंग्रेजी बोल लेते हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट की बिल्डिंग बनाने वाले आर्किटेक्ट ने इस एक्सीलेंस स्कूल की शानदार बिल्डिंग बनाई है- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे गरीबों के बच्चों ने भी दिखा दिया है कि वो किसी से कम नहीं है। सिर्फ अवसर मिलने की बात है। अगर अवसर मिले, तो अपने देश के सारे बच्चे अच्छे हैं। लेकिन उनको अवसर मिलना चाहिए। सही अवसर मिलेगा, तो बच्चा आगे बढ़ेगा। आज मुझे इस स्कूल में आकर बहुत खुशी हुई। सीएम ने कहा कि अभी दिल्ली हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग बनी है। वो बहुत ही शानदार बिल्डिंग बनी है। जिस आर्किटेक्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट की शानदार बिल्डिंग बनाई है, उसी ने यह स्कूल भी बनाया है। वो दिल्ली का सबसे बड़ा आर्किटेक्ट है। उनका नाम गुरमीत चौहान है। जो सबसे बड़े आर्किटेक्ट हैं और देश की बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बनाते हैं, वो आज हमारे दिल्ली के सरकारी स्कूलों को डिजाइन कर रहे हैं। इस स्कूल की लैब, क्लास रूम और स्टाफ रूम बहुत ही शानदार है। सभी बच्चें खूब पढ़े हैं, खूब आगे बढ़ें और देश का नाम रौशन करें। ऐसी मेरी भगवान से प्रार्थना है।
हमें अपने स्कूलों को नंबर-1 बनाना है और स्कूलों के माध्यम से देश को भी नंबर-1 बना सकते हैं- मनीष सिसोदिया
इस अवसर पर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि सीएम अरविन्द केजरीवाल जी के नेतृत्व में दिल्ली के स्कूलों में शानदार काम हो रहे हैं। उसी क्रम में हम न सिर्फ एक स्कूल खोल रहे हैं, बल्कि माता सरस्वती के मंदिर स्थापित कर रहे हैं। इस स्कूल को बनाने के पीछे काफी संघर्ष रहा है। यहां बड़े-बड़े ताकतवर लोगों से लड़कर भू-माफियाओं से स्कूल की इस जमीन को छुड्वाया गया और सुनिश्चित किया गया कि स्कूल की जमीन पर स्कूल ही बनेगा। इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति अरविन्द केजरीवाल जी के पास ही है। अरविंद केजरीवाल जी का सपना है कि हमें अपने स्कूलों को नंबर-1 बनाना है। देश को नंबर-1 हम स्कूलों के माध्यम से बना सकते है और शिक्षा को शानदार कर देश को नंबर-1 बनाना ही अरविंद केजरीवाल जी की राजनीति है। मुझे ख़ुशी कि दिल्ली सरकार के स्कूल की यह बिल्डिंग इतनी शानदार बनी है। इसके पीछे सतेन्द्र जैन जी की दूरदर्शिता है। हालांकि कुछ षड्यंत्रकारी लोगों ने झूठे आरोप लगाकर उन्हें जेल में बंद कर रखा है, लेकिन एक न एक दिन सच्चाई जरुर जीतेगी।
इंजिनियर-डॉक्टर बनने के लिए बच्चे कोटा में महंगी कोचिंग लेते है, लेकिन हमने कोटा में होने वाली पढाई को अपने स्कूलों में ला दिया है- मनीष सिसोदिया
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यहां डॉ. बी.आर. अंबेडकर स्कूल ऑफ़ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस बनेगा और करीब 1600 बच्चे यहां से प्राइवेट स्कूलों से भी उच्च स्तर दर्जे की शिक्षा प्राप्त करेंगे। इस स्कूल में बच्चों को स्टेम, ह्युमैनिटीज़ और 21वीं सदी की हाई एंड स्किल्स की अत्याधुनिक और विश्वस्तरीय शिक्षा प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी की हाई एंड स्किल्स के इस नए कांसेप्ट में बच्चों को 21वीं सदी के स्किल्स जैसे रोबोटिक्स, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग आदि की शानदार शिक्षा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इंजिनियर-डॉक्टर बनने का सपना देखने वाले बच्चे कोटा में पढाई करने जाते है। महंगी कोचिंग लेते है, लेकिन अरविंद केजरीवाल जी के नेतृत्व में हमने कोटा और महंगी कोचिंग में होने वाली पढाई को अपने स्कूलों में ला दिया है। इसलिए इस नए डॉ. बी.आर. अंबेडकर स्कूल ऑफ़ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में हमारे बच्चों को बाहर विद्या मंदिर क्लासेज में जाने की जरुरत नहीं है। वीएमसी की क्लास बच्चों को उनके स्कूल में ही मिलेगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी का हर तबके के बच्चों को वर्ल्ड-क्लास शिक्षा देने का यही विज़न है और हम हमेशा इस दिशा में काम करते रहेंगे।
पुरानी जर्जर बिल्डिंग को तोड़कर बनाई गई है शानदार नई बिल्डिंग
दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड ने अपने तीन पुराने जर्जर स्कूल बिल्डिंग को दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय को सौंप दिया है। इसमें से एक स्कूल जनकपुरी स्थित डेसु कॉलोनी में है। जबकि अन्य दो स्कूल त्रिपोलिया और सराय काले खां में हैं। इन दोनों स्कूलों की नई बिल्डिंग बनाई जा रही और निर्माण कार्य लगभग पूरा होने वाला है। लोक निर्माण विभाग ने मई 2021 डेसु कॉलोनी में नव निर्मित स्कूल की बिल्डिंग का निर्माण कार्य शुरू किया था। लोक निर्माण विभाग ने स्कूल के जर्जर भवन को तोड़कर नए सिरे से बिल्डिंग का निर्माण कार्य चालू किया और मात्र 17 महीने (डेढ़ साल से भी कम समय में) स्कूल की नई बिल्डिंग बनाकर तैयार कर दिया। स्कूल पूरी तरह से आधुनिक सुविधाओं से लैस है और अब इस शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थियों के प्रवेश के लिए तैयार है।
स्कूल में बने हैं 45 क्लास रूम
यह स्कूल करीब 8600 वर्ग मीटर में फैला है और पूरी बिल्डिंग में 112 रूम हैं। जिसमे –
- 45 क्लास रूम
- 8 लैब्स
- 1 लाइब्रेरी
- एक मल्टी परपज हॉल
- 13 अधिकारी और स्टाफ रूम
- 26 शौचालय
- 5 सीढ़ी
- 2 लिफ्ट
इस साल स्कूल में स्टूडेंट्स ले सकेंगे दाखिला
स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में ह्यूमैनिटीज और 21वीं सदी की स्किल्स की विशेषज्ञता दी जाती है। डेसु कॉलोनी में नव निर्मित स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में इस वर्ष ह्यूमैनिटीज और 21वीं सदी की स्किल्स की विशेषज्ञता हासिल करने के लिए क्रमशः 120-120 छात्र-छात्राएं कक्षा 9 में प्रवेश लेंगे। जब यह स्कूल पूरी तरह से तैयार हो जाएगा तब इसमें एक हजार छात्र – छात्राएं दाखिला ले सकेंगी।
दिल्ली में जल्द ही हो जाएंगे 44 एसओएसई
दिल्ली सरकार की योजना 2022-23 में 13 डॉ. बी आर अम्बेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस (एसओएसई) के लिए पांच नए स्कूल भवन बनाकर समर्पित करने की है। यह उन 31 एसओएसई के अतिरिक्त है। पहले से चल रहे 31 एसओएसई में लगभग 5500 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इनके बन जाने के बाद दिल्ली में 36 बिल्डिंग 44 स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस हो जाएंगे जहां करीब 10 हजार छात्र दाखिला ले सकेंगे।