1978 की बाढ़ से आज की स्थिति का मुकाबला करना पूरी तरह गलत है, यदि सरकार ने गाद और गंदगी से पटी यमुना की सफाई पर ध्यान दिया होता तो नदी इस कदर उफान पर नहीं आती – वीरेन्द्र सचदेवा

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*दिल्ली की आज जो दुर्दशा हो रही है उसके लिये अरविंद केजरीवाल सरकार की अक्रमण्यता जिम्मेदार है – वीरेन्द्र सचदेवा

*केजरीवाल सरकार द्वारा पानी एवं सीवर पर मास्टर प्लान न लाने का नतीजा है कि आज दिल्ली जहां सीवर के बैक फ्लो से परेशान है तो वहीं कल शाम से दिल्ली की पानी सप्लाई लगभग बंद है – वीरेन्द्र सचदेवा

*केजरीवाल सरकार की अक्रमण्यता का नतीजा है कि दिल्ली में स्कूल-काॅलेज बंद करने पड़ रहे हैं, व्यापार में गिरावट आ रही है और गरीब आदमी पर भारी संकट मंडरा रहा है – वीरेन्द्र सचदेवा

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि दिल्ली की आज जो दुर्दशा हो रही है उसके लिये अरविंद केजरीवाल सरकार की अक्रमण्यता जिम्मेदार है। दिल्ली वाले जहां एक ओर बाढ़ से त्रस्त हैं तो वहीं पीने के पानी की कमी और चरमराई हुई सीवर व्यवस्था संकट को बढ़ा रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश और पंजाब में भारी वर्षा के बाद से यह तय था कि यमुना में पानी बढ़ेगा और दिल्ली में स्थिति बिगड़ेगी और उसी के चलते भारतीय जनता पार्टी गत एक सप्ताह से अधिक से दिल्ली सरकार को चेता रही थी कि दिल्ली को बाढ़ जैसी स्थिति के लिये तैयार किया जाये पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस ओर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया। जिस दिन दिल्ली सर्वाधिक बरसात की मार को झेल रही थी, उस दिन वह हरियाणा में चुनाव प्रचार में मदमस्त थे।

गत 8 साल में अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के लिये न कोई सीवेज मास्टर प्लान बनाया और न ही जल शुद्धिकरण एवं वितरण का कोई मास्टर प्लान बनाया, जिसका नतीजा है कि आज दिल्ली जहां सीवर के बैक फ्लो से परेशान है तो वहीं कल शाम से दिल्ली की पानी सप्लाई लगभग बंद है।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि यह खेदपूर्ण है कि दिल्ली सरकार आज भी दोषारोपण की राजनीति कर रही है जबकि आज की स्थिति के लिये बाढ़ से अधिक गत दो दशकों से यमुना की सफाई पर ध्यान न देना जिम्मेदार है।

सचदेवा ने कहा है 1978 की बाढ़ से आज की स्थिति का मुकाबला करना पूरी तरह गलत है, तब यमुना की गहराई आज से बहुत ज्यादा थी और आज से दोगुना पानी आने पर नदी ने खतरे का निशान पार किया था जबकि आज गाद और गंदगी से पटी यमुना पीछे से पहले से बहुत कम पानी आने पर ही खतरे के निशान के पार चली गई है। अगर दिल्ली क्षेत्र में यमुना की सफाई की गई होती तो आज पानी नदी के बहाव क्षेत्र में समा जाता।

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि यदि सरकार ने यमुना की सफाई पर ध्यान दिया होता तो नदी इस कदर उफान पर नहीं आती।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि यह खेदपूर्ण है कि आज के संकटकाल में भी मुख्यमंत्री ने बजाय चैतरफा निरीक्षण करने के नदी किनारे जाकर एक फोटो सेशन कराया और वापस अपने घर चले गये। दिल्ली सरकार में केवल एक ट्वीट कर लोगों से अपील कर दी, केन्द्र सरकार को एक पत्र लिख पड़ोसी राज्यों पर दोषारोपण कर दिया और अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री कर ली।

सचदेवा ने कहा है कि यह केजरीवाल सरकार की अक्रमण्यता का नतीजा है कि दिल्ली में स्कूल-काॅलेज बंद करने पड़ रहे हैं, व्यापार में गिरावट आ रही है और गरीब आदमी पर भारी संकट मंडरा रहा है।

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