*प्रदेश कांग्रेस मयूर विहार मेट्रो स्टेशन पर बने राहत शिविर में बाढ़ पीड़ितों को भोजन वितरण किया। – चौ0 अनिल कुमार
*राहत शिविरों में रह रहे बाढ़ पीड़ित प्रत्येक परिवार को दिल्ली सरकार तुरंत 5000 रुपये सहायता राशि दे। – चौ0 अनिल कुमार
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने आज मयूर विहार मेट्रो स्टेशन के नीचे ठहरे हुए बाढ़ प्रभावित पीड़ितों से से मुलाकात की और वहां जरुरतमंदों को खाने का सामान, फल, बिस्कुट, पीने का पानी सहित अन्य राहत सामग्री का वितरण किया। मयूर विहार पुस्ता पर बसे हजारों लोग बाढ़ से बचने के कारण यहां विस्थापित हुए है परंतु यहां सरकार की ओर से संतोषजनक इंतजाम नही है। हजारों लोगों के लिए सिर्फ 3-4 टायलेट ब्लाक, पीने के पानी और राहत सामग्री की कोई व्यवस्था न होना, सरकार की विफलता को दर्शाता है।
चौ0 अनिल कुमार ने घोषणा की कि जब तक मयूर विहार फेस का राहत कैंप रहेगा, दिल्ली कांग्रेस द्वारा प्रतिदिन सभी लोगों के लिए पका हुआ स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध कराया जाऐगा। प्रदेश अध्यक्ष ने मांग की कि दिल्ली सरकार राहत शिविर में रहे रहे प्रत्येक परिवार को तुरंत 5000 रुपये सहायता राशि दे ताकि उन्हें बाढ़ से उजड़ने के बाद थोड़ी राहत मिल सकें।
बाढ़ पीड़ितों से मिलने वालों में प्रदेश अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार, कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन एवं पूर्व विधायक श्री अनिल भारद्वाज, पूर्व विधायक श्री आसिफ मौहम्मद खान, जिला अध्यक्ष एडवोकेट दिनेश कुमार, कम्युनिकेशन विभाग के वाईस चेयरमैन अनुज आत्रेय सहित क्षेत्रीय ब्लाक अध्यक्ष व कांग्रेस कार्यकर्ता भी शामिल थे।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि सेंट्रल वाटर कमीशन के 5 दिवसीय पुर्वानुमान अनुसार दिल्ली को चेतावनी दी थी कि यमुना का जलस्तर वर्तमान स्तर से बढ़ना जारी रहेगा और हरियाणा सरकार ने भी पूर्व में ही हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ने की सूचना दी थी। परंतु 10 जुलाई को अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में बाढ़ का कोई खतरा नही है और 12 जुलाई को मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी में बाढ़ की भयावह स्थिति है। केजरीवाल ने चेतावनी को अनदेखा कर इसे प्राकृतिक आपदा का नाम देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने का काम किया है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल के भ्रष्टाचार के कारण यमुना में बाढ़ आई है, क्योंकि पिछले 9 वर्षों में यमुना सफाई के नाम पर करोड़ो रुपये डकार गए परंतु यमुना से गंदगी और गाद को बाहर नही निकाला और उसका स्तर उॅचाई पर होने के कारण दिल्ली डूब गई है। उन्होंने कहा कि 2013 में 8 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के बावजूद बाढ़ नही आई लेकिन 2023 में 3.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने पर ही दिल्ली में तबाही मच रही है, क्या इसके लिए मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जिम्मेदार नही है। उन्होंने कहा कि यमुना की सिल्ट की सफाई न होने की वजह से यमुना आईटीओ बैराज के 32 में से 5 गेट बंद पड़े है जिससे पानी निकासी के रास्ते बंद हो गए। सरकार के बाढ़ विभाग की असफलता को स्वयं बाढ़ मंत्री सौरभ भारद्वाज ने स्वीकार किया है। परंतु वे अपनी जिम्मेदारी लेने की जगह दूसरों पर आरोप लगा रहे हैं।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली में चुनी हुई सरकार और सुविधाऐं होने के बावजूद दिल्ली में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी, बचाव और राहत के लिए आर्मी द्वारा मोर्चा संभालना केजरीवाल सरकार की नाकामी को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि संकट में दिल्ली का साथ छोड़ने की मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की प्रवृति बन चुकी है। प्रदूषण, अपराध, डेंगू, भ्रष्टाचार और कोविड हो या बाढ़ केजरीवाल हमेशा दिल्ली को भगवान भरोसे छोड़कर अपने बेचारा साबित करते रहे है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि यमुना के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 25000 झुग्गियां में एक लाख से अधिक लोग रहते है। सरकार द्वारा प्रर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण बाढ़ प्रभावित परिवारों को जिदंगी से लड़ना पड़ रहा है सरकार इनको अस्थाई कैंप, भोजन, मेडिकल व बुनियादी सुविधाऐं मुहैया कराने में विफल साबित हुई है। उन्होंने पूछा कि बाढ़ के बाद यदि बीमारी फैलती है तो क्या केजरीवाल सरकार ने इसके लिए कोई योजना बनाई है।