*’हैप्पीनेस सप्ताह’ 2023 के अवसर पर हैप्पीनेस क्लास में शामिल हुई शिक्षा मंत्री आतिशी, बच्चों के साथ एक्टिविटीज में लिया भाग
*पिछले 5 सालों में हैप्पीनेस करिकुलम का सफ़र रहा शानदार, बच्चों का पढ़ाई में बढ़ा फोकस उन्हें स्ट्रेस-फ्री रहने में भी मिली मदद-शिक्षा मंत्री आतिशी
*स्कूलों से बाहर निकल लाखों परिवारों को खुश और तनावमुक्त रहने के गुर सिखा रहा केजरीवाल सरकार का हैप्पीनेस करीकुलम; छात्रों ने बताया घर पर पेरेंट्स भी करते है अब माइंडफुलनेस का अभ्यास
*एक इंसान को अपने वास्तविक जीवन में जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, उन सभी चुनौतियों का जबाव हैप्पीनेस करिकुलम-शिक्षा मंत्री आतिशी
*हैप्पीनेस करिकुलम से दिल्ली सरकार के स्कूली बच्चों में आया आत्मविश्वास, ये आत्मविश्वास समाज व देश के भविष्य के लिए अच्छा संकेत-शिक्षा मंत्री आतिशी
*रात-दिन के काम और फाइलों के बीच कुछ पल स्कूलों बच्चों के साथ समय बीतना ही मेरी हैप्पीनेस क्लास-शिक्षा मंत्री आतिशी
*पेरेंट्स ने कहा- हैप्पीनेस करिकुलम ने हमारे बच्चों को रिश्तों की अहमियत सिखाई, बच्चों में चुनौतियों से निपटने के लिए नया दृष्टिकोण विकसित हुआ
*मुश्किल पारिवारिक परिस्थिति के दौरान, मेरी बेटी ने मुझे माइंडफुलनेस करना सिखाया जिससे मुझे स्ट्रेस से उबरने में मदद मिली- पैरेंट
*मैं पिछले 6 सालों से हैप्पीनेस क्लासेस में भाग ले रही हूं, इससे मुझे वास्तविक जीवन के लिए जरुरी स्किल्स विकसित करने में मदद मिली हैं- स्टूडेंट
केजरीवाल सरकार के स्कूलों में सोमवार से ‘हैप्पीनेस सप्ताह 2023’ की शुरुआत हुई| शिक्षा मंत्री आतिशी ने सोमवार को सर्वोदय को-एड विद्यालय, कालकाजी में एक सप्ताह तक चलने वाले इस उत्सव का शुभारंभ किया| इस मौके पर शिक्षा मंत्री बच्चों के साथ हैप्पीनेस क्लास में शामिल हुई और एक्टिविटीज में भी भाग लिया| इस मौके पर शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि पिछले 5 सालों में हैप्पीनेस करिकुलम का सफ़र शानदार रहा है| इससे बच्चों का पढ़ाई में फोकस बढ़ा है और उन्हें स्ट्रेस-फ्री रहने में भी मदद मिली है| उन्होंने कहा कि एक इंसान को अपने वास्तविक जीवन में जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, उन सभी चुनौतियों का जबाव हैप्पीनेस करिकुलम है| हैप्पीनेस करिकुलम से दिल्ली सरकार के स्कूली बच्चों में जो आत्मविश्वास आया है| ये आत्मविश्वास समाज व देश के भविष्य के लिए अच्छा संकेत है|
इस मौके पर शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि, पारंपरिक शिक्षा प्रणाली में 14-15 साल की स्कूली शिक्षा के दौरान बच्चों को साइंस पढ़ाई जाती है, मैथ्स-लैंग्वेज पढ़ाई जाती है लेकिन उस दौरान सोशल-इमोशनल वेल-बींग, क्रिटिकल थिंकिंग, टीम मैनेजमेंट व अन्य जरुरी स्किल्स को कही न कही अनदेखा किया जाता है| इसका नतीजा होता है कि जब बच्चा स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद बाहर निकलता है और उसके सामने वास्तविक जीवन की चुनौतियाँ आती तो वह उसके लिए तैयार नहीं होता है| बच्चों को इन सभी चुनौतियों से निपटना और तनावमुक्त होकर खुश रहना सीखाने के लिए हैप्पीनेस करिकुलम की शुरुआत हुई|
शिक्षा मंत्री आतिशी ने गर्व से कहा, “हैप्पीनेस करिकुलम ने इन मूल प्रश्नों को संबोधित करके और हमारे छात्रों को सामजिक,मानसिक और भावनात्मक रूप से सशक्त बनाकर एक वैश्विक मानदंड स्थापित किया है| रोजाना 30 मिनट की हैप्पीनेस क्लास से, दिल्ली सरकार के स्कूलों के लाखों बच्चों ने न सिर्फ़ रिश्तों की अहमियत को समझना सीखा है, बल्कि अपनी भावनाओं को व्यक्त करना सीखा है,और सबसे जरुरी, हमारे लाखों बच्चों ने खुश रहना सीखा है| इसी का नतीजा है कि, अब बच्चे ख़ुद यह मानते है कि उनका पढ़ाई में फोकस बढ़ा है और उन्हें स्ट्रेस-फ्री रहने में मदद मिली है| विद्यार्थियों का बढ़ता आत्मविश्वास भी इस पाठ्यक्रम की एक बड़ी सफलता है| पेरेंट्स मानने लगे है कि, बच्चे परिवार के सदस्यों का सम्मान करने लगे हैं, रिश्तों के प्रति संवेदनशील हो रहे हैं।
बता दे कि, जुलाई 2018 में नर्सरी से कक्षा 8 तक के लिए दिल्ली सरकार के सभी स्कूलों में शुरू किए गए हैप्पीनेस पाठ्यक्रम ने पिछले 5 सालों में शानदार सफलता हासिल की है। और रोजाना लाखों छात्र हैप्पीनेस क्लास में शामिल होते है, माइंडफुलनेस के साथ अपने दिन की शुरुआत करते है|
वर्तमान शिक्षा प्रणाली पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता पर बात करते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि, एक दौर था जब जानकारियां प्राप्त करने के लिए कई दिनों का समय लगता था वही आज गूगल के दौर में बच्चों को दुनियाभर की सभी जानकारियां मात्र कुछ सेकेंड में मिल जाती है| यह शिक्षा के प्रति हमारे दृष्टिकोण में बदलाव की मांग करता है, ताकि छात्रों को गहराई से सोचने, विश्लेषण करने और देश समाज के बेहतरी के लिए सार्थक योगदान देने में सक्षम बनाया जा सके।”
उल्लेखनीय है कि प्रख्यात ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित 2020 के असेसमेंट स्टडी में छात्रों और शिक्षकों पर समान रूप से हैप्पीनेस कक्षाओं का सकारात्मक प्रभाव देखा गया। स्टडी में पाया गया कि छात्रों ने अपने साथियों और शिक्षकों के साथ बेहतर संबंधों का अनुभव किया, छात्रों की कक्षा में भागीदारी बढ़ी और पढ़ाई को लेकर उनका फोकस भी बढ़ा।
ऐसे में दिल्ली सरकार ने हैप्पीनेस करिकुलम की प्रभावशीलता को और बढ़ाने के लिए विभिन्न नई पहले शुरू की हैं। इन पहलों में छात्रों के लिए नई पत्रिकाएँ शुरू करना,आदि शामिल है| साथ ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाठ्यक्रम की पहुंच का विस्तार करने के लिए हैप्पीनेस टीचर्स हैंडबुक का अंग्रेजी अनुवाद भी तैयार किया जा रहा है|
छात्रों और अभिभावकों ने साझा किए हैप्पीनेस करिकुलम के अपने अनुभव
“कार्यक्रम में एक स्टूडेंट श्रीरात ने कहा कि, पहले जब मैंने हैप्पीनेस करिकुलम के साथ शुरुआत की तो मुझे इसमें ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन अब मुझे माइंडफुलनेस गतिविधियां पसंद हैं जो मुझे स्कूल में पढ़ाई में फोकस बढाने और शांत रहने में मदद करती हैं। इसने मुझे यह भी सिखाया है कि सकारात्मक माइंडसेट के साथ तनाव और चुनौतियों से कैसे निपटा जाए। इस सब से मुझे अब और अधिक आत्मविश्वासी महसूस होता हूं कि मैं दुनिया का सामना करने के लिए तैयार हूं!”
“एक अन्य छात्र जिज्ञाषा तिवारी ने कहा कि, मैं पिछले 5 सालों से हैप्पीनेस क्लासेस में भाग ले रही हूं, इससे मुझे वास्तविक जीवन के लिए जरुरी स्किल्स विकसित करने में मदद मिली हैं। मुझे लगता है कि इसे दिल्ली के अन्य स्कूलों में भी शुरू किया जाना चाहिए ताकि छात्रों को जीवन में हैप्पीनेस के असल मायने समझने में मदद मिल सके।
“अपने अनुभवों को साझा करते हुए एक पैरेंट ने कहा कि, हैप्पीनेस करिकुलम ने मेरे बच्चे के सीखने के तरीके को को बदल दिया है। इसने न केवल उसकी पढ़ाई में सुधार आया है बल्कि उसमे जरुरी लाइफ स्किल्स डेवलप हुई है और वो भावनात्मक रूप से और मजबूत हुई है| उन्होंने साझा किया कि एक मुश्किल पारिवारिक परिस्थिति के दौरान, मेरी बेटी ने मुझे माइंडफुलनेस करना सिखाया जिससे मुझे स्ट्रेस से उबरने में मदद मिली।”
“एक अन्य पैरेंट ने कहा कि, एक अभिभावक के रूप में, मैं हैप्पीनेस करिकुलम के लिए आभारी हूं। इसने मेरे बच्चे की इनोवेटिव और क्रिटिकल थिंकिंग विकसित की है| और किसी भी समस्या से निपटने के लिए एक नए दृष्टिकोण का विकास किया है| इस करिकुलम के कारण मैंने अपनी बेटी की दूसरों के प्रति दयालुता और उदारता में बढ़ती देखी है।”