*713 नालों से, जो सभी 4 फीट से अधिक गहरे हैं, 80,690.4 मीट्रिक टन गाद हटाई गई है।
*सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग को हस्तांतरित किए जाने वाले प्रमुख 22 नालों में से 14 निगम के अधीन हैं और 12 नालों से गाद निकालने का काम पूरा |
डिस्लिटिंग के लिए जमीनी स्तर पर मशीनरी और मैनपावर तैनात की गई है, जिसमें सुपर सकर मशीनें, सक्शन कम जेटिंग मशीनें, सक्शन मशीनें, जेटिंग मशीनें, पोक लेन, बैकहो लोडर और ट्रक शामिल हैं।
72 स्थायी पंपिंग स्टेशन कार्यशील हैं और आवश्यकता अनुसार काम कर रहे हैं, जबकि 465 मोबाइल/सबमर्सिबल पंप विभिन्न क्षमताओं के उपलब्ध कराए गए हैं ताकि जलभराव को साफ किया जा सके।
निगम ने अन्य एजेंसियों जैसे पीडब्ल्यूडी, DSIIDC और दिल्ली सरकार के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के साथ भी समन्वय किया है ताकि सभी नालों की सफाई सुनिश्चित की जा सके।
दिल्ली नगर निगम ने अपने निरंतर सफाई प्रयासों को नया प्रोत्साहन दिया है, जिससे यह पहले चरण में निर्धारित लक्ष्य से अधिक प्राप्त कर पाया है। निगम के अथक प्रयासों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मानसून के दौरान दिल्ली के लोगों को जलभराव की समस्याओं का सामना न करना पड़े।निगम ने अपने अधिकार क्षेत्र के तहत नालों की सफाई के लिए निर्धारित लक्ष्य का औसतन 100% (103.37%) से अधिक हासिल किया है, जिसमें 4 फीट और उससे अधिक गहरे 713 नालों की सफलतापूर्वक सफाई की गई है, जो कुल 466 किमी की लंबाई में फैले हुए हैं। इस व्यापक डिसिल्टिंग कार्य के तहत 80,690.4 मीट्रिक टन गाद हटाई गई है, जिसे निरंतर निगरानी के साथ लैंडफिल साइटों पर भेजा जा रहा है।
इसके अतिरिक्त, उन 22 नालों में से, जिन्हें सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण (I&FC) विभाग को स्थानांतरित किया जाना है और उसमें से 14 निगम के अधीन है । निगम ने इन 14 नालों में से 12 की सफाई का काम सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इनमें शामिल हैं: स्वीपर कॉलोनी नाला, मैगज़ीन नाला, सिविल मिलिट्री नाला, मोअट नाला (विजय घाट), आईएसबीटी नाला (कुदसिया बाग/ मोरी गेट नाला), कैलाश नगर नाला (यमुना के पूर्वी तट पर), शास्त्री पार्क नाला (यमुना के पूर्वी तट पर), और पहले चरण की डिसिल्टिंग पूरी हो गई वे है- नाला नं. 14, तेखंड नाला, सेन नर्सिंग होम नाला (नाला नं. 12), दिल्ली गेट नाला/ पावर हाउस नाला, अबुल
फजल नाला।
सभी जोन में व्यापक डिसिल्टिंग कार्य करने के लिए, निगम ने जमीनी स्तर पर व्यापक मशीनरी और मैनपावर तैनात की है। इसमें सुपर सकर मशीनें, सक्शन कम जेटिंग मशीनें, सक्शन मशीनें, जेटिंग मशीनें, पोक लेन, बैकहो लोडर और ट्रक शामिल हैं। निगम ने अन्य एजेंसियों जैसे लोक निर्माण विभाग (PWD), दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम (DSIIDC), और दिल्ली सरकार के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के साथ भी समन्वय कर रहा है ताकि अपने अधिकार क्षेत्र के तहत सभी नालों की व्यापक सफाई सुनिश्चित की जा सके। इन समन्वित प्रयासों का उद्देश्य प्रभावित क्षेत्रों में जलभराव को कम करना है।
जलभराव की समस्याओं का समाधान करने के लिए, 72 स्थायी पंपिंग स्टेशन पूरी तरह से कार्यशील हैं, और 465 मोबाइल और सबमर्सिबल पंप विभिन्न क्षमताओं के उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अतिरिक्त, निगम ने सभी क्षेत्रों में संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पोर्टेबल पंप तैनात किए हैं। सभी उपायुक्त, क्षेत्रीय प्रमुख, वरिष्ठ अधिकारियों सहित, हाई अलर्ट पर है और जमीनी स्तर पर डिसिल्टिंग कार्य और जलभराव की समस्याओं की सक्रिय निगरानी कर रहे हैं, आवश्यकतानुसार स्टाफ और संसाधनों की त्वरित तैनाती सुनिश्चित कर रहे हैं।
मुख्यालय और सभी 12 क्षेत्रों में नियंत्रण कक्ष चालू हैं, जिससे नागरिक जलभराव, पेड़ों के गिरने और इमारतों को हुए नुकसान से संबंधित शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। नियंत्रण कक्षों के नंबर इस प्रकार हैं:
मुख्यालय केंद्रीय नियंत्रण कक्ष नंबर: 155305
पश्चिमी जोन: 011-25191014, 011-251910162
रोहिणी जोन: 011-27042700, 011-27050132, 011-27050133
सिटी एसपी जोन: 011-23913773, 011-23913775
सेंट्रल जोन: 011-29812700,
शाहदरा दक्षिणी जोन: 011-66667391, 011-66667392, 011-66667393, 011-66667394
शाहदरा उत्तरी जोन: 011-22822700, 011-22831947
नरेला जोन: 011-27283261, 011-27283285, 011-27283783, 9953994518
केशव पुरम जोन: 011-27183146, 011-27183147
दक्षिणी जोन: 011-26517191, 011-26522700
करोल बाग जोन: 011-25812700, 011-25814341
सिविल लाइन जोन: 011-23942700, 011-23923392, 011-23923394
नजफगढ़ जोन: 011-28011235, 011-28018818, 011-28013283
नागरिक अपनी शिकायतें MCD311 ऐप पर भी दर्ज करा सकते हैं।निगम ने सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को सतर्क रहने और इन शिकायतों का त्वरित समाधान करने का निर्देश दिया है ताकि असुविधा को कम किया जा सके।
दिल्ली नगर निगम डिसिल्टिंग कार्य को सफलतापूर्वक करने और जल भराव की समस्या से निपटने के लिए भरपूर प्रयास कर रहा है। निगम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नालों की सफाई से बारिश के दौरान नागरिक समस्याओं में उल्लेखनीय कमी आएगी और दिल्ली निवासियों के लिए मानसून सुखद बन जाएगा।