दिल्ली स्कूल फॉर स्किल एनहांसमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट (DSSEED) द्वारा कौशल संवर्धन और उद्यमिता विकास के पाठ्यक्रमों के बारे में शिक्षकों को प्रशिक्षित करने और उन्हें पाठ्यक्रमों को प्रभावी ढंग से पढ़ाने के लिए आवश्यक ज्ञान और उपकरणों से लैस करने के लिए एक दिवसीय ओरिएंटेशन वर्कशॉपका आयोजन किया गया। “Empowering Educators for Entrepreneurial Excellence – A Step Towards Viksit Bharat 2047” विषयक इस वर्कशॉप का आयोजन डीयू के उत्तरी परिसर के महर्षि कणाद भवन में किया गया।
उद्घाटन समारोह में बोलते हुए डीयू के डीन ऑफ कॉलेजेज प्रो. बलराम पाणी ने कहा कि कौशल संवर्धन और उद्यमिता विकास, विकसित भारत 2047 के लिए विश्वविद्यालय शिक्षा के माध्यम से योगदान देने के लिए दो महत्वपूर्ण तत्व हैं। इस अवसर पर डीन-अकादमिक प्रो. के. रत्नाबली ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित किया। प्रो. राजीव गुप्ता, मुख्य कार्यकारी अधिकारी-आईओई; प्रो. अमिता गुप्ता निदेशक-डीएसएसईईडी और डॉ. विजय चौधरी सलाहकार-डीएसएसईईडी ने आईओई, डीएसएसईईडी की अवधारणा और उद्यमिता में जीई पाठ्यक्रमों के बारे में बताया। इस वर्कशॉपमें डीयू के विभिन्न कॉलेजों के प्रिंसिपलों सहित विश्वविद्यालय के कई प्रोफेसर भी शामिल हुए।
इस वर्कशॉपमें दिल्ली विश्वविद्यालय के 19 कॉलेजों के 61 शिक्षकों ने भाग लिया। डॉ. बी.आर. अंबेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली से प्रो. पुष्पेंद्र सिंह, शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज से प्रो. रमेश कुमार और दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज से प्रो. रविंदर कौर ने बहुत ही संवादात्मक सत्रों के माध्यम से अत्यधिक विशिष्ट व्याख्यान दिए। इन प्रशिक्षण सत्रों ने शिक्षकों को उच्च गुणवत्ता वाली उद्यमशीलता शिक्षा प्रदान करने के लिए नए पाठ्यक्रम और नवीन शिक्षण पद्धतियों की व्यापक समझ प्रदान की।
गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय (इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस) द्वारा स्थापित दिल्ली स्कूल फॉर स्किल एनहांसमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट (DSSEED) का उद्देश्य कौशल संवर्धन और उद्यमिता विकास दोनों के लिए पाठ्यक्रम विकसित करना और कार्यशालाएँ आयोजित करना है। विद्यार्थियों में उद्यमशीलता की मानसिकता को बढ़ावा देने के लिए एनईपी 2020 के दृष्टिकोण के अनुरूप, डीएसएसईईडी ने उद्यमिता स्नातक पाठ्यक्रम रूपरेखा (UGCF) में सात सामान्य वैकल्पिक (GE) पाठ्यक्रम पेश किए हैं।